पिछली सरकारों के शासन में युवाओं के सामने था पहचान का संकट : आदित्यनाथ

Last Updated 07 Sep 2025 04:47:24 PM IST

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को राज्य की पूर्ववर्ती सरकारों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पहले राज्य के युवाओं के सामने 'पहचान का संकट' था और राज्य को 'बीमारू' राज्य करार दिया जाता था।


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री ने लखनऊ में राज्य द्वारा संचालित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के लिए नव-चयनित 1510 अनुदेशकों को नियुक्ति पत्र वितरित किये।

आदित्यनाथ ने इस अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा, ''जब आप अपने स्कूलों और पॉलिटेक्निक में थे तो आपने अनुभव किया होगा कि उत्तर प्रदेश के साथ दो चीजें जुड़ी हुई थीं। पहली, जब उत्तर प्रदेश के युवा राज्य से बाहर जाते थे तो लोग उन्हें हीन नजरों से देखते थे। उन्हें पहचान के संकट का सामना करना पड़ता था। परिणामस्वरूप उनके मन में हीन भावना विकसित हो जाती थी।''

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, ''हम पर बीमारू राज्य का ठप्पा लगा दिया गया... इसका मतलब था देश के विकास में बाधा। एक बड़ा राज्य जो संसाधनों से भरपूर है, एक ऐसा राज्य जहां भगवान भी किसी न किसी अवतार में आए, ऐसा राज्य 'बीमारू' हो गया और उसे पहचान के संकट का सामना करना पड़ा?''

उन्होंने कहा कि 'बीमारू' शब्द का प्रयोग जनसांख्यिकीविद् आशीष बोस ने 1980 के दशक के मध्य में किया था। यह नाम देश के कुछ सबसे गरीब राज्यों - बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के नामों के पहले अक्षरों से बना था।

आदित्यनाथ ने दावा किया कि पहले जब त्योहारों के समय उत्साह का माहौल दिखना चाहिए था उस समय लोगों के मन में डर होता था कि पता नहीं कब दंगे हो जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा, ''पिछले आठ वर्षों में हम उस राज्य को सातवीं और आठवीं अर्थव्यवस्था से देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में सफल रहे हैं। हम 'बीमारू' राज्य के ठप्पे को उखाड़ फेंकने में सफल रहे हैं और आज हमने उत्तर प्रदेश को भारत के विकास के इंजन के रूप में स्थापित किया है।''

उन्होंने कहा कि ऐसा राज्य की 25 करोड़ जनता, उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों-कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों के सामूहिक प्रयासों से संभव हुआ है।

भाषा
लखनऊ


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