श्रीनगर में हजरतबल दरगाह में अशोक चिह्न को क्षतिग्रस्त करने के संबंध में पूछताछ के लिए दो दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।

|
अधिकारियों ने बताया कि तोड़फोड़ की घटना के वीडियो और सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद पुलिस ने 25 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया है।
इस संबंध में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘अभी तक किसी को औपचारिक रूप से गिरफ़्तार नहीं किया गया है लेकिन कुछ लोगों से पूछताछ की जा रही है।’’
शुक्रवार को हजरतबल दरगाह में लगाई गई अशोक चिह्न वाली पट्टिका को कुछ अज्ञात लोगों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था जिसके बाद विवाद पैदा हो गया था। राजनीतिक दलों ने जम्मू कश्मीर वक्फ बोर्ड की प्रमुख दरख्शां अंद्राबी पर दरगाह में राष्ट्रीय प्रतीक का इस्तेमाल करके धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया और उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने तथा उन्हें तत्काल हटाने की मांग की।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि राष्ट्रीय प्रतीक सरकारी समारोहों के लिए है, धार्मिक संस्थानों के लिए नहीं जबकि पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने इस चिह्न के इस्तेमाल को ईशनिंदा करार दिया। कुछ धार्मिक नेताओं ने दलील दी कि यह इस्लाम की शिक्षाओं के विरुद्ध है।
जम्मू कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष ने राष्ट्रीय चिह्न को हटाने वालों के खिलाफ जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) सहित विभिन्न धाराओं में कानूनी कार्रवाई की मांग की।
पुलिस ने शनिवार को इस घटना के संबंध में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ शांति भंग करने, दंगा करने और आपराधिक साजिश रचने का मामला दर्ज किया था।
| | |
 |