UP: माफिया की 66 नामों की सूची में शामिल 3 अपराधी मारे गए
पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Western Uttar Pradesh0 के कुख्यात माफिया अनिल दुजाना (Notorious Mafia Anil Dujana) के पुलिस मुठभेड़ (Police Encounter) में मारे जाने के बाद पुलिस की घोषित माफिया सूची में एक और नाम कम हो गया है, लेकिन अब भी सूची में शामिल 63 माफिया प्रदेश पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं।
![]() उत्तरप्रदेश पुलिस (फाइल फोटो) |
पुलिस के अनुसार, उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से जारी सूची में शामिल चार माफिया (गैर-कानूनी गतिविधियों में संलिप्त अपराधी संगठनों के सरगना) फरार हैं, जबकि 20 माफिया जमानत पर हैं और 38 अन्य राज्य की विभिन्न जेलों में कैद हैं। एक माफिया को पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया।
उत्तर प्रदेश के विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार (Prashant Kumar) ने कहा, पुलिस सभी पर नजर रखे हुए है और किसी को भी कानून-व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने की छूट नहीं दी जाएगी। कुमार ने कहा, उप्र के फरार माफिया की गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग कई टीम काम कर रही हैं। जमानत पर रिहा माफिया की भी सभी गतिविधियों पर पुलिस की नजर है, पुलिस समय-समय पर उनका सत्यापन करती रहती है। जहां तक सूची में शामिल फरार माफिया की बात है, तो मेरठ जिले का ढाई लाख का इनामी कुख्यात बदन सिंह उर्फ बद्दो करीब चार वर्षों से चुनौती बना हुआ है।
वर्ष 2019 में गाजियाबाद अदालत में पेशी के बाद फर्रुखाबाद जेल लौटते समय बद्दो अपनी सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों के साथ मेरठ के एक होटल में रुका और वहां शराब पार्टी के दौरान सुरक्षाकर्मियों को बेहोश करके वह होटल से फरार हो गया था। इसके अलावा एक लाख रुपये का इनामी बहुजन समाज पार्टी का पूर्व विधान पार्षद एवं सहारनपुर का खनन माफिया हाजी इकबाल उर्फ बाला (Haji Iqbal alias Bala absconding) भी फरार है। माफिया की घोषित सूची में मेरठ का विनय त्यागी (Vinay Tyagi) और प्रयागराज (Prayagraj) का जावेद (Javed) उर्फ पप्पू भी अभी पुलिस के हाथ नहीं आ सका है।
जमानत पर रिहा अंबेडकरनगर के अजय प्रताप सिंह उर्फ अजय सिपाही, मुजफ्फरनगर के सुशील मूंछ, प्रतापगढ़ के अनूप सिंह एवं प्रदीप उर्फ डब्बू सिंह, गोरखपुर के सुधीर सिंह, राकेश यादव और विनोद उपाध्याय, कानपुर के सऊद अख्तर, लखनऊ के बच्चू यादव तथा प्रयागराज के राजेश यादव, कमरुल हसन और जाबिर हुसैन जैसे अपराधियों के अलावा पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह (वाराणसी) और पूर्व एमएलसी संजीव द्विवेदी उर्फ रामू द्विवेदी (देवरिया) जैसे नाम भी शामिल हैं। जेल में कैद माफिया में पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी, पूर्व सांसद रिजवान जहीर, त्रिभुवन सिंह, सुंदर भाटी, अमित कसाना और सुभाष ठाकुर जैसे 38 नाम शामिल हैं।
आधिकारिक तौर पर कुछ दिनों पहले पुलिस ने 66 माफिया की एक सूची जारी की थी, जिसमें तीन मारे जा चुके हैं। इनमें गैंगस्टर से नेता बने पूर्व सांसद अतीक अहमद, आदित्य राणा उर्फ रवि और अनिल दुजाना शामिल हैं। अतीक की हत्या के तीन दिन पहले 12 अप्रैल को उप्र पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने पुलिस अभिरक्षा से फरार चल रहे माफिया आदित्य राणा उर्फ रवि को मुठभेड़ में मार गिराया था।
अतीक की 15 अप्रैल की रात तीन हमलावरों ने उसके भाई अशरफ के साथ हत्या कर दी थी। पिछले दो दशकों में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में खौफ का सबब बना माफिया अनिल दुजाना मेरठ में चार मई को उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) की एक टीम की जवाबी कार्रवाई में मारा गया था।
वहीं, पंजाब पुलिस ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के घोषित माफिया हर¨वदर सिंह उर्फ जुगनू वालिया को गिरफ्तार कर लिया। जुलाई 2020 से फरार जुगनू वालिया मुख्तार अंसारी का करीबी है और उसकी गिरफ्तारी के लिए एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। पंजाब के पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने शनिवार को यह जानकारी दी थी।
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