हिदायतुल्ला खोलेगा पुलवामा-2 का राज

Last Updated 01 Jun 2020 05:46:34 AM IST

अब हिदायतुल्ला खोलेगा पुलवामा-2 आतंकी हमले का राज। कहां से आया विस्फोटक और कहां-कहां करता था काम ?


हिदायतुल्ला खोलेगा पुलवामा-2 का राज

दिल्ली, हरियाणा, पंजाब जैसे शहरों के किन होटलों में कराता था रहने की व्यवस्था। पुलवामा-2  साजिश की पटकथा तो पाकिस्तान के बहावलपुर में लिखी गई थी और योजना को अमलीजमा पीओके में पहनाया गया।
खुफिया रिपोर्ट के अनुसार साजिश की योजना आईएसआई ने मार्च में बनाई थी जिसमें मदद की जैश ए मोहम्मद ने और काम का जिम्मा दिया गया हिज्बुल मुजाहिद्दीन को। उल्लेखनीय है कि ‘राष्ट्रीय सहारा’ ने आगाह किया था कि रमजान के बाद  आतंकवादी कश्मीर में हमला कर सकते हैं। खुफिया सूत्रों के अनुसार विस्फोटक हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हिमाचल जैसे राज्यों से किस्तों में इकट्ठा किया गया था। जिसे हिदायतुल्ला की गाड़ी से अवंतिपुरा लाया जा रहा था। हिदायतुल्ला का रिश्तेदार कश्मीर पुलिस में है और वह सुरक्षा एजेंसियों की गतिविधियों को आतंकियों तक भेजता था।

खुफिया सूत्रों के अनुसार आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन के डरे हुए सरगना सैयद सलाउद्दीन ने आईएसआई से कहा कि कश्मीर में उसके आतंकी और कमांडर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की गोलियों के शिकार हो रहे हैं इसलिए वह किसी भी तरह की आतंकी घटना को अंजाम देना नहीं चाहता। इसका कारण यह भी था कि जब से कश्मीर में आईएसआई ने सारे आतंकी संगठनों को एक छतरी के नीचे लाने के लिए लश्कर के नेतृत्व में द रेसिस्टेंस फ्रंट बनाया है और लश्कर को फंडिंग ज्यादा होने लगी तो हिज्बुल सरगना सैयद सलाउद्दीन ने इसका विरोध किया। सलाउद्दीन का तर्क था कि कश्मीर में वह काम कर रहा है। अभी तक उसके 90 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और उसे फंडिंग नहीं हो रही है इसलिए वह इस छतरी के नीचे नहीं आएगा। खुफिया सूत्रों के अनुसार कुछ दिन पहले जब बहावलपुर में इस आतंकी घटना की पटकथा लिखी गई थी। उसके बाद आईएसआई के अधिकारी कश्मीर में आतंकी हमला कराने के लिए सैयद सलाउद्दीन के घर पहुंचे और उससे उसने मना कर दिया। तब आईएसआई अधिकारियों ने उसकी पिटाई की और धमकाया तब वह पुलवामा-2 के लिए तैयार हुआ।
सूत्रों के अनुसार जैश का पाकिस्तानी कमांडर फौजी भाई इसका मास्टरमाइंड था। जैश का आतंकी वालिद जो पुलवामा में इस घटना को अंजाम देना चाहता था वह हिज्बुल के लिए भी काम करता है। वह पाकिस्तानी है और कुछ वर्षो से कश्मीर में है। यहां वह हिज्बुल का कैडर बढ़ाने का काम करता था। इसी दरम्यान वह श्रीनगर से तस्करी और हवाला का काम भी करता था।
वालिद ने हिदायतुल्ला को मोटी रकम दी और विस्फोट के लिए कार दी। सूत्र बताते हैं कि वह मोटी रकम लेकर आतंकियों के लिए मुखबिरी और उनके रहने-खाने की व्यवस्था भी करता था। जो अब सुरक्षा एजेंसियों के हत्थे चढ़ गया है।
पीओके में रमजान से पहले जो बैठक हुई उसमें जकी-उर-रहमान, हमजा अदनान, मौसा भाई, सैयद सलाउद्दीन, खालिद सैफुल्ला साहिब, ताहिर एजाज साहिब, हिज्बुल के नायब नबीर और आईएसआई के कर्नल सरफराज अहमद, मेजर मुजस्तफा, इम्तियाज आदि शामिल थे। यही मौसा भाई उर्फ इस्माइल है जो सलाउद्दीन का भतीजा है। यह हवाला और ड्रग आपरेटर है और दाऊद से अच्छे संबंध हैं।

कुणाल/सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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