CAA और धारा 370 के बाद अब कोविड-19 बना पाठ्यक्रम का हिस्सा
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और धारा 370 को उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय अपने पाठयक्रम में शामिल करने के बाद अब यहां नए सत्र से कोविड-19 (कोरोना वायरस) के बारे में पढ़ाने जा रहा है। नए सत्र से यह राज्य के सभी अध्ययन केन्द्रों में पढ़ाया जाएगा। यह एक तरह का जागरूकता पाठ्यक्रम होगा न कि डिग्री या डिप्लोमा।
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कुलपति प्रोफेसर कामेश्वर नाथ सिंह ने बताया, "नए सत्र से कोविड-19 का जागरूकता पाठ्यक्रम तीन माह का चलाया जाएगा। इसमें कोरोना वायरस परिचय, कोरोना वायरस का इतिहास और विकास, कोरोना का भौगोलिक, राजनैतिक और आर्थिक आयाम तथा कोविड-19 आपदा प्रबंधन विषयों को चयनित किया जाएगा।"
कुलपति ने बताया, "वायरस क्या है? कोरोना का प्रकोप महामारी का भौगोलिक स्वरूप क्या है, इससे निपटने के लिए सरकार क्या प्रयास कर रहे हैं? आगे चलकर ऐसी परिस्थिति आती है तो इससे कैसे निपटा जाए। इन सभी बातों का उल्लेख करके एक पाठ्यक्रम बनाया गया है। इसे जागरूकता का नाम दिया गया है।"
कामेश्वर ने बताया, "मुक्त विश्वविद्यालय को विशेष अधिकार होते हैं कि समसमायिक आवश्यकताओं के अनुसार नए जागरूकता कार्यक्रम लागू करते हैं। इससे पहले हमारे यहां सीएए और अनुच्छेद 370 पर भी पाठ्यक्रम शुरू कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जनसमान्य को जागरूक करने वाले कोर्सों का शुल्क बहुत कम होता है, क्योंकि इसमें कोई परीक्षा नहीं होगी। इसकी परख के लिए एक असाइमेंट दिया जाएगा। इसमें कुछ सवाल दिए जाएंगे। उन्हें वेबसाइटों में भी अपलोड किया जाएगा। इसके बाद इसे रीजनल केन्द्रों पर जमा किया जाएगा। जिसका मूल्यांकन किया जाएगा। इसमें 33 प्रतिशत अंक लाने पर उसे जागरूकता प्रमाण पत्र दे दिया जाता है। यह डिग्री और डिप्लोमा कोर्स नहीं है।"
उन्होंने बताया कि वर्तमान में राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के करीब 1 हजार से ज्यादा अध्ययन केन्द्र हैं। जिसमें करीब 56 हजार लोग शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। नया सत्र 15 मई से लागू करना था, लेकिन नई गाइडलाइन आने पर इसे घटाया-बढ़ाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि वैश्विक स्तर तक फैली इस महामारी ने अमेरिका, इटली, स्पेन, ब्रिटेन जैसे देशों में इसने प्रलय मचा रखा है। ऐसे में इसके बारे में लोगों को अधिक जानकारी देने के लिए विश्वविद्यालय ने अपने पाठ्यक्रम में शामिल किया है।
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