अयोध्या मसले पर संघ हुआ संजीदा, कार्यक्रम और प्रचारकों के दौरे रद्द

Last Updated 30 Oct 2019 10:08:23 AM IST

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अयोध्या मुद्दे को लेकर बहुत ज्यादा संजीदा दिख रहा है। इसी कारण संघ ने अपने प्रचारकों के दौरे और कार्यक्रमों को भी रद्द कर दिया है।


हरिद्वार में 31 अक्टूबर से लेकर 4 नवंबर तक देश भर के सभी अनुशांगिक संगठनों के संगठन मंत्रियों की होने वाली बैठक को भी स्थागित कर दिया गया है। इसमें संघ प्रमुख मोहन भागवत, भइया जी जोशी, दत्तात्रेय होसबोल समेत अनेक अखिल भारतीय पदाधिकारियों को मौजूद रहना था। इसमें भाजपा के भी संगठन मंत्रियों को रहना था। संघ प्रमुख उन्हें संगठन और सरकार के समांजस्य और देश में संघ के अनेक मुद्दों के बारे में चर्चा करने वाले थे।

संघ इस तरह की बैठक प्रत्येक पांच वर्ष में करता है। बदली परिस्थितियों को देखते हुए इसे भी स्थागित कर दिया है। इससे पहले लखनऊ में 17 नवंबर से प्रस्तावित एकल कुंभ, अयोध्या में चार नवंबर से आयोजित दुर्गा वाहिनी शिविर को भी स्थागित किया जा चुका है। हालांकि कार्यक्रम रद्द करने का कोई उचित कारण भी नहीं बताया जा रहा है।

संघ के सूत्रों का कहना है कि संघ अयोध्या मुद्दे को लेकर सावधानी बरत रहा है। उसका मानना है कि फैसले के बाद किसी प्रकार की कोई ऐसी घटना न हो जाए जिससे दाग समेटने में दिक्कत हो। इसी कारण प्रचारकों से कहा गया है जिसका जहां पर केन्द्र निर्धारित हो वह वहीं पर रुके। यदि संगठन कोई निर्देश दे, वे तभी अपना केंद्र छोड़ें। संगठन के बड़े पदाधिकारियों पर यह लागू नहीं होगा। वह जहां पर होंगे वहीं रूक कर अपना निर्देश देते रहेंगे।

सूत्रों का कहना है कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की संभावित तिथि 17 नवंबर तक है। ऐसे में प्रचारक अपने-अपने केंद्र पर रहेंगे तो उनसे संवाद स्थापित करना आसान रहेगा। इसके अलावा विषम परिस्थितियों पर वर्तमान की रणनीति के आधार पर उन्हें तुरंत जमीन पर भी उतारा जा सकता है।

आईएएनएस
लखनऊ


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