कासगंज में तनावपूर्ण शांति: अब तक 80 लोग गिरफ्तार

Last Updated 28 Jan 2018 08:35:44 PM IST

गणतंत्र दिवस पर उत्तर प्रदेश के कासगंज में दो समुदायों के बीचं हिंसा के बाद इलाके में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है. हालात सुधारने के उपायों पर चर्चा के लिये आज शांति समिति की बैठक हुई.


कासगंज में अब तक 80 लोग गिरफ्तार (फाइल फोटो)

पुलिस महानिरीक्षक अलीगढ- जोन संजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि शहर के हालात को पटरी पर लाने के भरसक प्रयास किये जा रहे हैं. हालांकि आज शहर के नदरई गेट इलाके के बाकनेर पुल के पास एक गुमटी में आग लगा दी.

पुलिस महानिदेशक ओपीं सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि हिंसा में शामिल लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की तामील की जाएगी. अब तक 80 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

तिरंगा यात्रा की इजाजत के बारे में सिंह ने कहा कि गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय पर्व है और उसकी खुशी मनाने के लिये किसी की इजाजत की जरूरत नहीं है. इस बीच, हालात के मद्देनजर कासगंज में शांति समिति की बैठक आयोजित की गयी.

आगरा जोन के अपर पुलिस महानिदेशक अजय आनन्द ने बैठक के बाद कहा कि शहर में डर का माहौल नहीं है. पुलिस ने वारदात पर रोक लगायी है और घटनाओं में शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शा जाएगा.

उन्होंने कहा कि शांति समिति की बैठक में शहर के गणमान्य लोग शामिल थे और बैठक में तय किया गया कि सभी दुकानदार अपनी-अपनी दुकानें खोलेंगे.

बैठक में हिस्सा लेने वाले आगरा के मण्डलायुक्त सुभाष चन्द्र शर्मा ने कहा कि बैठक के दौरान सभी पक्षों ने अपना-अपना नजरिया पेश किया और मौजूदा हालात को
लेकर अपनी चिंता जाहिर की. प्रशासन ने हरसम्भव मदद का आासन दिया.

इस बीच, प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कासगंज में हुई घटना को दुखद बताते हुए इसकी निन्दा की. उन्होंने कहा कि जो लोग भी इसके लिये दोषी हैं, उनमें से एक भी व्यक्ति नहीं बख्शा जाएगा.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद हालात की समीक्षा की है. अपराधी चाहे जितना बडा या प्रभावशाली हो, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. अब हमारे पास कडे कानून आ गये हैं. यह गड-बडी करने वालों के लिये चेतावनी भी है. कुछ लोग लूटपाट कराने और आपसी मतभेद कराने कोशिश कर रहे हैं. दंगे करने वालों के साथ-साथ फसाद की साजिश करने वाले भी दण्डित होंगे.

इस बीच, बसपा अध्यक्ष मायावती ने कासगंज में हुए उपद्रव का जिक्र करते हुए कहा कि सूबे में जंगलराज है. इसका ताजा उदाहरण कासगंज की घटना है जहां हिंसा की आग अब भी शांत नहीं हुई है.

उन्होंने कहा कि खासकर भाजपा शासित राज्यों उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान तथा महाराष्ट्र आदि में अपराध-नियत्रंण और कानून-व्यवस्था के साथ-साथ जनहित तथा विकास का बुरा हाल है.



सपा उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने कहा कि हमेशा चुनाव के पहले दंगा होता है. मुजफ्फरनगर में भी लोकसभा चुनाव से पहले दंगा हुआ था. कासगंज में भी दंगा हुआ. चुनाव से पहले ही क्यों दंगा होता है. इसकी निष्पक्ष जांच की जानी चाहिये.

मालूम हो कि गणतंत्र दिवस पर कासगंज के बड्डूनगर में मोटरसाइकिल रैली निकाले जाने के दौरान दोनों पक्षों के बीच पथराव और गोलीबारी हुई थी, जिसमें एक युवक की मौत हो गयी थी तथा एक अन्य जख्मी हो गया था.

उपद्रवियों ने तीन दुकानों, दो निजी बसों और एक कार को आग के हवाले कर दिया था. प्रशासन ने आज रात दस बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं ताकि सोशल मीडिया के जरिए फैलने वाली अफवाहों को रोका जा सके. जिले की सीमाएं सील कर दी गयी हैं ताकि शांति भंग करने का प्रयास करने वालों को शहर में प्रवेश से रोका जा सके.

भाषा


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