मायावती का राज्यसभा से इस्तीफा राजनीतिक ड्रामा: राजभर

Last Updated 19 Jul 2017 10:04:07 PM IST

उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री एवं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती द्वारा राज्यसभा से इस्तीफा देने को एक राजनीतिक ड्रामा करार दिया.


उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर (फाइल फोटो)

राजभर ने वाराणसी से बलिया जाते समय यहां कहा कि मायावती का इस्तीफा एक राजनीतिक ड्रामा है. उन्होंने कहा कि वे यह सोचकर बसपा की सदस्यता ग्रहण की थी कि यह पार्टी बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के विचारों पर चलने वाली तथा दलितों का भला करने वाली पार्टी है. वह 14 साल तक बसपा में रहे लेकिन बसपा अध्यक्ष ने दलितों का भला न कर दौलत की बेटी बन गयी. अब दलितों ने उनका साथ छोड़ दिया है तो उन्हें उनकी याद आने लगी.

उन्होंने कहा कि सुश्री मायावती ने हमेशा ही दलितों की अनदेखी की है और इसी के चलते उन्हें बसपा छोड़कर अपनी पार्टी बनानी पड़ी. उन्होंने कहा कि मायावती की सच्चाई दलितों को समझ में आ गयी है इसलिए दलित वर्ग ने उनका साथ छोड़ दिया है. उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनाव में जब दलितों ने बसपा को हाशिए पर ला दिया तो मायावती को अब समझ आ गया कि उनका फरेब नहीं चलने वाला है और इसलिए उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा देने का नाटक किया है.



सुभासपा अध्यक्ष राजभर ने कहा कि जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाया था तो मायावती ने हमारे प्रत्याशी को दलित मानने से ही इंकार कर दिया था. इसके बाद राष्ट्रपति चुनाव के दिन मायावती ने कहा था कि मेरे दोनो हाथ में लड्डू है मीरा कुमार तथा रामनाथ कोविंद में से एक दलित देश का राष्ट्रपति बनेगा.

उन्होंने कहा कि इसके बाद मायावती को लगा कि दलित वोट बैंक उनके हाथ से खिसक चुका है तो वह राज्यसभा से इस्तीफा देने का राजनीतिक ड्रामा करने लगी है, जिसका भी उन्हें कोई फायदा नहीं होने वाला.

 

 

वार्ता


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