समाजवादी पार्टी (सपा) के पीडीए (पिछड़ा, दलित अल्पसंख्यक) नारे को लेकर उसपर जोरदार प्रहार करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को इसे ‘परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी’ करार दिया।

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योगी ने विधानसभा में 'विजन-2047' को लेकर 24 घंटे की अनवरत चर्चा में विपक्ष को जवाब देते हुए उस पर परिवारवादी सोच को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रदेश के पिछड़े, दलित व अल्पसंख्यक समुदायों को लुभाने के लिए पीडीए का नारा दिया था और इस समीकरण के बल पर राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी ने बीते साल के लोकसभा चुनाव में 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
विधानसभा में मुख्यमंत्री के संबोधन से पहले विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडेय ने कहा था, ''मान्यवर (मुख्यमंत्री) पीडीए से काहे (क्यों) नाराज हैं, उनको उठाने (उत्थान) की अगर समाजवादी पार्टी कोशिश कर रही है तो आप क्यों नाराज हो रहे हैं।''
पांडेय ने कहा, ''आपकी सरकार बनाने में पीडीए का बड़ा योगदान है। पीडीए में 'पी' से पंडित भी होता है।''
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में समावेशी और समग्र विकास को उत्तर प्रदेश और भारत के विकास का आधार बताया और दावा किया कि सरकार किसी के साथ भेदभाव नहीं कर रही है।
मुख्यमंत्री ने सपा से कहा, “आप केवल अपने परिवार तक सीमित हैं। आपका 'परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी' का दृष्टिकोण स्वामी विवेकानंद के 'कूप मंडूक' दर्शन को चरितार्थ करता है। दुनिया प्रतिस्पर्धा के रास्ते पर आगे बढ़ रही है, लेकिन आप अब भी परिवार तक सीमित हैं।”
उन्होंने 1960 के बाद प्रदेश की बदहाल स्थिति और 2017 में अपनी सरकार बनने के बाद उपलब्धियों का तुलनात्मक ब्यौरा दिया।
योगी ने कहा, ''2017 के बाद कानून का राज स्थापित हुआ। अपराधियों के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाई गई। उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल बनाया गया।''
उन्होंने कहा कि सरकार की सकारात्मक सोच ने ही प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
योगी ने बताया कि 2016-17 में प्रदेश की जीएसडीपी (सकल राज्य घरेलू उत्पाद) 13 लाख करोड़ रुपये थी, जिसके इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 35 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री ने भारत की आर्थिक प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि 1947 में भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था, लेकिन 1980 तक यह 11वें स्थान पर खिसक गया।
उन्होंने कहा कि 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने प्रगति की और 2017 में सातवें, 2024 में पांचवें और 2025 में चौथे स्थान पर पहुंच गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1971 में शुरू हुई सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना 50 वर्षों तक अधूरी रही और इसकी शुरुआती लागत 100 करोड़ रुपये थी, जो 2021 तक बढ़कर 10,000 करोड़ रुपये हो गई।
योगी ने कहा कि ‘डबल इंजन’ सरकार ने इसे पूरा कर 14 लाख हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचाई सुविधा दी तथा 2017 से अब तक 31 प्रमुख सिंचाई परियोजनाएं पूरी हुईं, जिससे 23 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि को पानी मिला।
उन्होंने बताया, “ 2024-25 में प्रदेश ने 414.39 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन किया, जो देश के कुल उत्पादन का 35 फीसदी से अधिक है। गन्ना उत्पादन 2,453.50 लाख मीट्रिक टन हुआ, जो देश के कुल उत्पादन का 55 प्रतिशत है।”
योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 2.86 करोड़ किसानों को 90,000 करोड़ रुपये सीधे खातों में मिले तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं, धान, मक्का, बाजरा और ज्वार की रिकॉर्ड खरीद हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने स्वदेशी को बढ़ावा दिया, जबकि विपक्ष ने शिल्पकारों को हतोत्साहित किया, जिससे वे पलायन और भुखमरी की कगार पर पहुंच गए।
उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में गांव के मोची, कारीगर और कुम्हार को टूलकिट देकर उनके संवर्धन का कार्य किया गया, जिससे उनके जीवन में परिवर्तन आया।
योगी ने कहा कि पहले पर्व-त्योहारों पर बाजार चीनी सामान से भरे रहते थे, लेकिन अब प्रदेश के हस्तशिल्पियों और कारीगरों के उत्पादों से सजते हैं।
उन्होंने बताया कि वह हर अतिथि को ओडीओपी (यह एक जनपद-एक उत्पाद) उत्पाद उपहार में देते हैं, जबकि विपक्षी सरकारें सैफई महोत्सव में विदेशी फूलों के गुलदस्ते मंगवाती थीं।
योगी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि वे आजादी की बात करते हैं, लेकिन गुलामी का काम करते हैं। उन्होंने नेताजी (सपा संस्थापक दिवंगत मुलायम सिंह यादव) को बदनाम करने का आरोप लगाया और कहा कि शिवपाल यादव उनकी विरासत की अंतिम कड़ी थे, लेकिन वे (चच्चा) भी "गच्चा" खा गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हर साल उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो का आयोजन हो रहा है और वहां कोई हिन्दू मुस्लिम नहीं देखता।
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