वक्फ बोर्ड को भंग किये जाने की पहल का मुस्लिम धर्मगुरुओं ने किया स्वागत

Last Updated 17 Jun 2017 01:14:50 PM IST

उत्तर प्रदेश में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड को भंग किये जाने और केन्द्रीय जांच ब्यूरों (सीबीआई) या किसी अन्य एजेन्सी से जांच कराये जाने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदमों का मुस्लिम धर्मगुरुओं ने स्वागत किया है.


योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

हालांकि, योगी आदित्य नाथ सरकार ने शिया वक्फ बोर्ड के 10 में से छह सदस्यों को हटाकर इस प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है. इन सदस्यों को अखिलेश यादव सरकार में कद्दावर मंत्री रहे मो0 आजम खां ने नामित करवाया था. सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार बोर्ड के अध्यक्ष बर्खास्त करने के लिए कानून विदों से राय ले रही है.
     
योगी आदित्यनाथ सरकार ने शिया वक्फ बोर्ड के जिन सदस्यों को हटाया है उनमें राज्यसभा के पूर्व सदस्य अख्तर हुसेन रिजवी, सैयद वली हैदर, आशफा जैदी, सईद अजीम हुसैन जैदी, आजमा जैदी और नजमुल हसन रिजवी शामिल है. इन लोगों को 2015 में नामित किया गया था.
    
इस बीच, शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने आरोप लगाया है कि योगी सरकार बदले की भावना से काम कर रही है. वक्फ राज्यमंत्री मोहसिन रजा पर वक्फ बोर्ड सम्पत्तियों पर हेराफेरी करने के आरोप हैं. श्री रजा पर उन्नाव में वक्फ सम्पत्तियों में गडबडी करने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज है.

श्री रिजवी ने कहा कि सरकार ने यदि बोर्ड को भंग करने की कोशिश की तो वह इसके खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटायेंगे. उधर, दोनों बोडरे को भंग करने और वक्फ सम्पत्तियों के दुरुपयोग की जांच सीबीआई से कराने की पहल का स्वागत करते हुए मुस्लिम धर्मगुरुओं ने राज्य सरकार से कहा है कि जांच जल्दी करवाकर दोषियों को कडी से कडी सजा दिलवायी जाए.
   
उनका कहना था कि वक्फ सम्पत्तियों में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है. भ्रष्टाचार कर अरबों रुपये का घोटाला किया गया है. सहारनपुर के शहर काजी मौलाना नदीम अहमद ने यहां तक कहा कि धर्म की बात करने वालों ने भी वक्फ सम्पत्तियों में अरबों रुपये की हेरफेर की. राज्य सरकार का जांच कराने का निर्णय सराहनीय है.
    
उन्होंने कहा कि कुछ लोग गिरोह बनाकर वक्फ सम्पत्तियों को हडप रहे हैं. वक्फ बोर्ड हर पांचवे साल भंग कर नये सदस्य बनाये जाने चाहिए. सीबीआई से जांच होने पर दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा. सपा और बसपा सरकारों ने वक्फ बोर्ड में अपने खास लोगों को सदस्य बनवाकर सम्पत्तियों का काफी नुकसान करवाया. कौम को कोई फायदा नहीं पहुंचा.

वार्ता


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