योगी से मिले जापानी राजदूत, यूपी के विकास को लेकर की चर्चा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ गुरुवार को जापान के राजदूत केन्जी हिरामत्सू ने जापान और उत्तर प्रदेश के बीच सम्पर्क बढ़ाने, पर्यटन व औद्योगिक क्षेत्रों में सहयोग करने तथा जापान में उत्तर प्रदेश के विद्यार्थियों के लिए उच्च शिक्षा की सम्भावनाओं के सम्बन्ध में विचार-विमर्श किया.
![]() योगी से मिले जापानी राजदूत (फाइल फोटो) |
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया, \'\'उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जापान के राजदूत केन्जी हिरामत्सू ने भेंट की. इस अवसर पर जापानी दूतावास के एक सेकेण्ड सेक्रेटरी अकिओ सुगिमोतो भी उपस्थित थे.\'\'
उन्होंने बताया कि योगी से मुलाकात के दौरान हिरामत्सू ने बताया कि भारत विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के साथ जापान के सांस्कृतिक व ऐतिहासिक सम्बन्ध रहे हैं. उन्होंने जापान और उत्तर प्रदेश के बीच सम्पर्क बढ़ाने, पर्यटन व औद्योगिक क्षेत्रों में सहयोग करने तथा जापान में उत्तर प्रदेश के विद्यार्थियों के लिए उच्च शिक्षा की सम्भावनाओं के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री के साथ विचार-विमर्श किया.
योगी ने कहा कि भारत व जापान के प्रगाढ़ सम्बन्ध रहे हैं. इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार इन मजबूत रिश्तों का सदुपयोग राज्य के विकास के लिए करना चाहेगी. उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि यह सम्बन्ध नई ऊँचाइयां हासिल करे.
हिरामत्सू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ वाराणसी भ्रमण के मौके पर जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने कन्वेंशन सेण्टर की जो सौगात दी थी, वह शीघ्र पूरी हो जाएगी. वाराणसी एवं क्योटो के बीच पार्टनर सिटी एग्रीमेण्ट किया गया, जिसके तहत जल, सीवरेज तथा कूड़ा प्रबन्धन के आधुनिकीकरण के साथ ही, शहरी यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने की बात कही गयी है.
हिरामत्सू ने वाराणसी में गंगा नदी के पुनरुद्घार तथा अपशिष्ट निस्तारण सहित गोरखपुर में फातिमा अस्पताल एवं जनपद अम्बेडकरनगर में विद्यालय की स्थापना हेतु जापान द्वारा प्रदान किए गए आर्थिक मदद का उल्लेख करते हुए कहा कि भविष्य में भी उनके देश द्वारा राज्य को ऐसा सहयोग मिलता रहेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बौद्घ परिपथ के तहत वाराणसी, सारनाथ, कुशीनगर, कपिलवस्तु एवं श्रावस्ती आदि क्षेत्रों में जापान सहित विभिन्न देशों के बौद्घ पर्यटकों की सुविधा विस्तार हेतु राज्य सरकार द्वारा विशेष प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार जापान सरकार द्वारा बौद्घ परिपथ की पिछली परियोजनाओं में सहयोग प्रदान किया गया, राज्य सरकार चाहेगी कि इस प्रकार का सहयोग भविष्य में भी प्राप्त होता रहे.
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन लाकर इसे गुणवत्ता एवं रोजगारपरक बनाने के लिए संकल्पबद्ध है. इसे ध्यान में रखकर कक्षा 11 व 12 के विद्यार्थियों के लिए विदेशी भाषाओं के अध्ययन की व्यवस्था कराई जाएगी. इसके तहत जापानी भाषा के पठन-पाठन की भी व्यवस्था कराई जाएगी.
योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए कृतसंकल्प है. पूर्वांचल एवं बुन्देलखण्ड जैसे पिछड़े इलाकों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास में जापान उल्लेखनीय भूमिका निभा सकता है. इस सम्बन्ध में राज्य सरकार हर सम्भव सहयोग प्रदान करेगी.
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