राजस्थान उपचुनाव : कांग्रेस ने भाजपा का किया सूपड़ा साफ
केंद्र की भाजपा सरकार का बजट पेश होने के दिन कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए गुरुवार को राजस्थान की मंडलगढ़ विधानसभा सीट के साथ-साथ अजमेर व अलवर लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में भी बड़े अंतर से जीत हासिल की.
कांग्रेस ने उपचुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ किया. |
इस जीत के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता व नेता जश्न में डूब गए हैं. कांग्रेस पार्टी के दफ्तर के बाहर सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने पटाखे जलाए और ढोल-नगाड़े की धुनों पर नाचते नजर आए.
कांग्रेस के उम्मीदवार विवेक धाकड़ ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शक्ति सिंह हाडा को 12,976 वोटों से हराकर मंडलगढ़ विधानसभा सीट जीती. इस जीत को लेकर मिठाइयां बांटी गईं. भाजपा इस हार से स्तब्ध है.
अलवर लोकसभा उप चुनाव में कांग्रेस के करन सिंह यादव ने भाजपा के जसवंत सिंह यादव को 1,96,496 मतों के भारी अंतर से हराया.
अजमेर लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस के रघु शर्मा ने भाजपा के रामस्वरूप लांबा को 84,414 वोटों से हराया.
2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस राजस्थान में एक भी सीट नहीं जीत सकी थी. अजमेर में रघु शर्मा को 6,11,514 वोट जबकि लांबा को 5,27,100 वोट मिले.
अलवर में करन सिंह यादव को 6,42,416 वोट और भाजपा के जसवंत सिंह को 4,45,920 वोट मिले.
निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने कहा कि 29 जनवरी को मंडलगढ़ में हुए उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार धाकड़ को 70,146 वोट मिले, जबकि हाडा को 57,170 वोट मिले.
यह चुनाव भाजपा विधायक कीर्ति कुमारी के बीते साल अगस्त में स्वाइन फ्लू की वजह से निधन के कारण कराया गया.
कांग्रेस के उम्मीदवार लोकसभा सीटों पर मतगणना में शुरू से ही आगे रहे, जबकि मंडलगढ़ विधानसभा सीट पर शुरू में पीछे रहने के बाद जीत हासिल कर ली.
तीन सीटों पर कुल 42 उम्मीदवार मैदान में थे. ये सभी सीटें भाजपा के पास थीं. अजमेर सीट पर 23 व अलवर में 11 उम्मीदवार मुकाबले में थे.
अजमेर सीट के भाजपा सांसद सांवरलाल जाट और अलवर के सांसद महंत चांदनाथ योगी के निधन के कारण इन सीटों पर उपचुनाव हुए.
राज्य में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है, इसलिए इस चुनाव को सेमीफाइनल माना जा रहा था. वसुंधरा राजे के राज में भाजपा को हो रहे नुकसान से कांग्रेस उत्साहित है. पार्टी नेताओं ने कहा कि मतदाताओं ने भाजपा को अस्वीकार दिया है.
कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सचिन पायलट ने कहा, "ताजा चुनाव नतीजों को देखते हुए राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए."
पायलट ने मीडिया से कहा कि यह जीत लोगों, पार्टी कार्यकर्ताओं और सभी नेताओं के लिए है.
उन्होंने कहा कि देश के युवाओं को अहसास हो गया कि भाजपा की ध्रुवीकरण की राजनीति काम नहीं करेगी. जनता ने भाजपा का घमंड तोड़ते हुए अपना विश्वास कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी में जताया.
कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह चुनाव परिणाम 2019 लोकसभा चुनाव के लिए भी शुभ संकेत हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने पिछले चार सालों में कांग्रेस की योजनाओं का नाम बदलने के अलावा प्रदेश के लिए कुछ नहीं किया. बेरोजगारी युवाओं को परेशान कर रही है. चुनाव परिणाम आने के बाद भाजपा नेताओं के चेहरे उतर गए.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने संवाददाताओं से कहा, "हम जनादेश का सम्मान करते हैं. हम हार के कारणों की समीक्षा करेंगे. मैं हार की नैतिक जिम्मेदारी लेता हूं." लेकिन, उन्होंने आश्वस्त होते हुए कहा, "हम अपनी गलतियां सुधारेंगे और प्रदेश में कमल का फूल फिर खिलेगा."
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