Karur Stampede: सांसद हेमा मालिनी का दावा- एक्टर विजय की रैली में बिजली गुल हो जाना, संकरी जगह; ‘कुछ तो गड़बड़ है’
तमिलनाडु के करूर में हुई भगदड़ में 41 लोगों की मौत हुई है और 60 से ज्यादा लोग घायल हुए। हेमा मालिनी भगदड़ से जुड़ी परिस्थितियों की जांच के लिए यहां आये आठ-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रही हैं।
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भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सांसद हेमा मालिनी ने मंगलवार को दावा किया कि करूर में तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) प्रमुख विजय की रैली के दौरान आयोजन स्थल के संकरा होने और कार्यक्रम के दौरान बिजली गुल हो जाने में ‘कुछ तो गड़बड़’ लगता ही है, क्योंकि ये बातें स्वाभाविक नहीं हो सकती हैं।
हेमा मालिनी 27 सितंबर को वेलुसामीपुरम में हुई भगदड़ से जुड़ी परिस्थितियों की जांच के लिए यहां आये राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के आठ-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रही हैं। इस भगदड़ में 41 लोगों की जान चली गयी और लगभग 60 घायल हो गए थे।
उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन द्वारा कार्यक्रम के वास्ते ‘संकरा आयोजन स्थल’ मुहैया कराया जाना ‘अनपयुक्त’ है।
हेमा मालिनी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘विजय की रैली के दौरान बिजली गुल हो गई थी। कुछ गड़बड़ लग रहा है, यह स्वाभाविक नहीं है।’’
तमिलनाडु भगदड़ पर विजय ने कहा : करूर का दौरा नहीं किया क्योंकि इससे 'असामान्य' स्थिति उत्पन्न हो सकती थी
अभिनेता एवं तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) पार्टी के संस्थापक विजय ने तमिलनाडु के करूर में अपनी एक रैली में मची भगदड़ में 41 लोगों की मौत के कुछ दिन बाद मंगलवार को कहा कि उन्होंने अभी तक प्रभावित लोगों से मुलाकात नहीं की है, क्योंकि उनकी वहां मौजूदगी से "असामान्य स्थिति" उत्पन्न हो जाएगी।
अभिनेता विजय ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में कभी ऐसी "दुखद स्थिति" का सामना नहीं किया। उन्होंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन को चुनौती दी कि वे "उनके साथ कुछ भी कर सकते हैं," लेकिन उनकी पार्टी के सहयोगियों के साथ नहीं।
उन्होंने अपने सोशल मीडिया पेज पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘मैंने करूर का दौरा नहीं किया क्योंकि इससे असामान्य स्थिति उत्पनन हो सकती थी। मैं जल्द ही आपसे (पीड़ितों और घायलों के परिवारों से) मिलूंगा।’’
विजय ने कहा कि घटना का सच जल्द ही सामने आएगा और उन्होंने संकेत दिया कि वह कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आप मेरे साथ कुछ भी कर सकते हैं।’’
विजय ने यह बात ऐसे समय कही जब उनके पार्टी सहयोगियों के खिलाफ 27 सितंबर को तमिलनाडु के पश्चिमी करूर जिले में हुई भगदड़ के सिलसिले में पुलिस ने मामला दर्ज किया है। पुलिस ने टीवीके के जिन नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है उनमें पार्टी के वरिष्ठ नेता बस्सी एन आनंद और सीटीआर निर्मल कुमार शामिल हैं।
करूर जिला राजधानी चेन्नई से लगभग 400 किलोमीटर दूर है।
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री महोदय, अगर आपके मन में बदला लेने का विचार है, तो आप मेरे साथ कुछ भी कर सकते हैं लेकिन पार्टी के लोगों को नहीं छू सकते।’’ उन्होंने दावा किया कि घटना वाले दिन, लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, वह करूर से जल्दी निकल गए थे।
अदालत ने टीवीके के दो पदाधिकारियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
तमिलनाडु के करूर में तमिलगा वेत्री कषगम (टीवीके) द्वारा आयोजित रैली के दौरान मची भगदड़ के मामले में गिरफ्तार पार्टी के दो पदाधिकारियों को अदालत ने मंगलवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने यह जानकारी दी।गत 27 सितंबर को करूर में रैली के दौरान मची भगदड़ में 41 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 60 अन्य घायल हो गए थे।
पुलिस ने बताया कि टीवीके के करूर पश्चिम जिला सचिव वी पी मथियालगन और करूर मध्य जिला सचिव कासी पौनराज प्राथमिकी में नामजद थे और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
पुलिस ने बताया कि टीवीके प्रदेश महासचिव बस्सी आनंद और उप महासचिव निर्मल कुमार का भी नाम प्राथमिकी में है, लेकिन उन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।
आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिनमें धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), धारा 110 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), धारा 125 (दूसरों के जीवन को खतरे में डालना) और धारा 223 (आदेश की अवज्ञा) शामिल हैं।
तमिलनाडु सरकार ने 27 सितंबर को करूर में टीवीके प्रमुख विजय की रैली के दौरान मची कथित भगदड़ की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश अरुणा जगदीशन की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग का गठन किया है।
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