महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (उबाठा) के साथ गठबंधन करने पर बुधवार को कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

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राज ठाकरे ने दावा किया कि जो शब्द उन्होंने नहीं कहे थे, मीडिया के एक वर्ग ने उन शब्दों को गलत तरीके से उनके नाम से प्रचारित कर दिया।
राज ठाकरे ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि यदि वह कोई राजनीतिक बयान देना चाहते हैं तो वह संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर बयान देंगे।
उन्होंने कहा कि पार्टी ने 14 और 15 जुलाई को नासिक के इगतपुरी में चुनिंदा पदाधिकारियों के लिए एक सम्मेलन आयोजित किया था जहां उन्होंने पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत की थी।
मनसे प्रमुख ने कहा, ‘‘पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में मुझसे मुंबई में पांच जुलाई की विजय उत्सव रैली के बारे में पूछा गया। मैंने कहा कि यह आयोजन मराठी मानुष की जीत का जश्न मनाने के लिए था और यह राजनीतिक नहीं था। फिर उन्होंने (पत्रकारों ने) पूछा कि शिवसेना (उबाठा) के साथ गठबंधन का क्या हुआ। इस पर मैंने जवाब दिया, क्या मुझे अभी आपके साथ गठबंधन के मामलों पर चर्चा करनी चाहिए?’’
राज ठाकरे ने कहा, ‘‘जो शब्द मैंने नहीं कहे, वे मेरे मुंह में ठूंस दिए गए। ऐसा दावा किया गया कि नगर निगम चुनाव से पहले स्थिति का आकलन करने के बाद गठबंधन पर फैसला लिया जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि अनौपचारिक बातचीत अनौपचारिक ही रहनी चाहिए।
मनसे प्रमुख ने कहा कि वह भी 1984 से पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़े हैं और कुछ पत्रकारों का व्यवहार उन्हें शोभा नहीं देता।
पांच जुलाई को ठाकरे परिवार के दोनों चचेरे भाई दो दशक बाद राजनीतिक मंच पर एक साथ नजर आए थे। इस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्य के स्कूलों में पहली कक्षा से हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में शामिल करने के दो विवादास्पद आदेशों को वापस लेने का जश्न मनाया था।
हालांकि उद्धव ठाकरे मुंबई और अन्य जगहों पर होने वाले नगर निगम चुनावों से पहले गठबंधन के लिए उत्सुक दिख रहे हैं, लेकिन मनसे प्रमुख ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
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