Odisha: बालासोर में यौन उत्पीड़न पीड़ित छात्रा की मौत पर CM माझी ने जताया दुख, कार्रवाई का दिया भरोसा; परिवार को 20 लाख मुआवजे का किया ऐलान
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने एफएम ऑटोनॉमस कॉलेज की छात्रा के निधन पर दुख जताया है। यौन उत्पीड़न के चलते छात्रा ने 12 जुलाई को आत्मदाह करने की कोशिश की थी। बुरी तरह झुलसने के बाद छात्रा को अस्पताल ले जाया गया था। हालांकि, तीन दिन बाद वह मौत से जंग हार गई।
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ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने आत्मदाह करने वाली छात्रा के परिवार के लिए 20 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की मंगलवार को घोषणा की।
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, माझी ने संबंधित अधिकारियों को घटना की उचित जांच करने का निर्देश दिया ताकि सभी दोषियों को कानून के अनुसार सजा दिलाई किया जा सके।
इससे पहले मुख्यमंत्री माझी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘फकीर मोहन (स्वायत्त) महाविद्यालय की छात्रा की मृत्यु की खबर सुनकर बेहद दुखी हूं। सरकार द्वारा सभी जिम्मेदारियों को निभाने और विशेषज्ञ चिकित्सा दल के अथक प्रयासों के बावजूद, छात्रा को नहीं बचाया जा सका।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं छात्रा की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं और भगवान जगन्नाथ से उनके परिवार को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना करता हूं। मैं छात्रा के परिवार को आश्वस्त करता हूं कि इस मामले में सभी दोषियों को कानून के अनुसार कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी। इसके लिए मैंने खुद अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। सरकार परिवार के साथ है।’’
एक शिक्षक द्वारा कथित तौर पर ‘‘यौन उत्पीड़न’’ किए जाने के मामले में न्याय न मिलने पर आत्मदाह करने वाली 20 वर्षीय कॉलेज छात्रा ने यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में दम तोड़ दिया। अस्पताल ने यह जानकारी दी।
बालासोर के फकीर मोहन (स्वायत्त) महाविद्यालय की एकीकृत बीएड पाठ्यक्रम की द्वितीय वर्ष की छात्रा ने तीन दिन तक जिंदगी और मौत से लड़ने के बाद सोमवार रात दम तोड़ दिया।
शिक्षक के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं किए जाने से आहत छात्रा ने शनिवार को यह कदम उठाया और वह 95 प्रतिशत तक झुलस गई थी।
छात्रा की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि मामले में सभी दोषियों को कानून के तहत कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी।
छात्रा को पहले बालासोर के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था और फिर बेहतर उपचार के लिए भुवनेश्वर स्थित एम्स भेज दिया गया।
अधिकारियों के अनुसार ‘बर्न सेंटर’ विभाग की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में उसका उपचार किया जा रहा था।
‘बर्न सेंटर’ ने एक बयान में कहा, ‘‘मरीज को ‘फ्लूइड्स’ (अंतरशिरा तरल) और ‘एंटीबायोटिक्स’ (संक्रमण को खत्म करने वाली दवा) दी गईं, उसे वेंटिलेटर पर रखा गया। विभाग के आईसीयू में उपचार किया गया और गुर्दे की ‘रिप्लेसमेंट थेरेपी’ सहित सभी संभव सहायक उपायों के बावजूद, उसे बचाया नहीं जा सका और 14 जुलाई की रात 11 बजकर 46 मिनट पर उसे मृत घोषित कर दिया गया।’’
भुवनेश्वर स्थित एम्स के पांचवें दीक्षांत समारोह में शामिल होने पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार शाम को बिना किसी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के ‘बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी’ विभाग का दौरा किया था और छात्रा का हालचाल जाना था।
छात्रा का शव मंगलवार को ओडिशा के बालासोर जिले में उसके पैतृक गांव लाया गया। उसके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए हजारों की संख्या में लोग श्मशान घाट पहुंचे। बालासोर के सांसद प्रताप सारंगी, जिले के अधिकारी और अन्य लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए। छात्रा के शव का अंतिम संस्कार उसके परिवार और अन्य ग्रामीणों की मौजूदगी में किया गया।
स्थानीय लोगों ने छात्रा की मौत के लिए जिम्मेदार दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। एक स्थानीय ग्रामीण ने बताया कि छात्रा प्राकृतिक आपदाओं, खासकर बाढ़ के दौरान मदद के लिए सक्रिय रहती थी। बालासोर जिले के बाढ़ प्रभावित खंड बस्ता के एक ग्रामीण ने कहा, ‘‘वह बाढ़ के दौरान महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में प्रशासन की मदद करती थी।’’
शमशान घाट में एक शिक्षक ने कहा, ‘‘हमें इस बात पर विश्वास ही नहीं हो रहा कि उसने आत्महत्या कर ली। वह मानसिक रूप से मजबूत और मेधावी छात्रा थी। मैंने उसे पढ़ाया था। न्याय न मिलने पर उसे आत्मदाह के लिए मजबूर होना पड़ा।’’
छात्रा के दादा ने कहा कि सरकार उसे न्याय दिलाने में ‘‘नाकाम’’ रही, जिसके कारण उसने आत्महत्या कर ली। एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि उसने विधायक से लेकर केंद्रीय मंत्री तक, सभी से गुहार लगाई थी।
इस बीच, विपक्षी दल बीजू जनता दल (बीजद) और कांग्रेस के सदस्यों ने अस्पताल परिसर में विरोध-प्रर्दशन भी किया।
जैसे ही अस्पताल ने छात्रा की मौत की सूचना जारी की, तो बीजद और कांग्रेस के नेता व कार्यकर्ता सोमवार देर रात एम्स परिसर के अंदर विरोध-प्रदर्शन करने पहुंच गए। शव ले जा रहे वाहन को वहां निकालने के लिए पुलिस को सड़क से विपक्षी सदस्यों को बलपूर्वक खदेड़ना पड़ा।
बीजद नेता इप्सिता साहू ने आरोप लगाया, ‘‘हम चाहते हैं कि छात्रा को न्याय मिले। सरकार ने अपनी नाकामी और असमर्थता को छिपाने के लिए रातों-रात शव का पोस्टमार्टम करवा दिया।’’
उन्होंने छात्रा को न्याय दिलाने में नाकाम रहने के लिए उच्च शिक्षा मंत्री सूरज सूर्यवंशी के इस्तीफे की भी मांग की।
कांग्रेस के युवा नेता सैयद यासिर नवाज ने दावा किया कि छात्रा न्याय के लिए दर-दर भटकती रही, लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी। उन्होंने कहा कि व्यवस्था के खिलाफ अपनी लड़ाई में हार के बाद, उसने आहत होकर यह कदम उठाया।
नवाज ने भी उच्च शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग की और आरोप लगाया कि वह पद पर बने रहने के लायक नहीं हैं।
ओडिशा की उपमुख्यमंत्री प्रवती परिदा स्थानीय विधायक बाबू सिंह के साथ सोमवार रात छात्रा के परिजनों को सांत्वना देने अस्पताल पहुंचीं।
इस मामले में शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष समीर कुमार साहू और फकीर मोहन (स्वायत्त) महाविद्यालय के प्राचार्य दिलीप घोष को गिरफ्तार किया जा चुका है।
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