जम्मू कश्मीर में 5 सालों में मारे गए एक हजार से ज्यादा आतंकी
जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को रोकने के लिए सुरक्षा बल लगातार ऑपेरशन चला रहे है। इसी कड़ी में साल 2017 से लेकर 2021 तक घाटी में 1028 आतंकी मुठभेड़ में मारे गए है। गृह मंत्रालय की सालाना रिपोर्ट में ये जानकारी सामने आई है। वहीं इस साल अक्टूबर तक 176 आतंकियों का सफाया किया जा चुका है।
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केंद्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू कश्मीर में साल 2017 से लेकर 2021 तक कुल 1424 आतंकी घटनाएं हुई हैं। वहीं इस दौरान 1028 आतंकियों को अलग अलग मुठभेड़ में मार गिराया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इन पांच सालों में 355 सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं और 196 नागरिकों की मौत हुई है। वहीं सूत्रों की माने तो इस साल 2022 में अक्टूबर तक 176 आतंकियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है।
वहीं दूसरी तरफ गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2017 से 2021 नवंबर तक पाकिस्तान की तरफ से कुल 1,135 घुसपैठ की कोशिशें की गई हैं। वहीं इन वर्षों के दौरान 502 आतंकियों द्वारा घुसपैठ करने की आशंका है। हालांकि साल 2022 में घुसपैठ की ज्यादातर बड़ी घटनाओं को सुरक्षाबलों ने विफल किया है।
केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर में आतंकवाद और घुसपैठ पर लगाम लगाने के लिए कई तरीके अपना रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सीमा पार से घुसपैठ और आतंकवादी घटनाओं को रोकने के लिए एक बहुआयामी ²ष्टिकोण अपनाया गया है। इसमें सीमा पर बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, सुरक्षा बलों की बहु-स्तरीय तैनाती, घुसपैठ के रास्तों की पहचान, बाड़ लगाना, सुरक्षा बलों के लिए उन्नत टेक्नोलॉजी सहित बेहतर हथियार मुहैया करवाना और घुसपैठ रोकने के लिए बेहतर खुफिया तंत्र आदि शामिल हैं।
वहीं गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर पुलिस के लिए नई बटालियनों की मंजूरी भी दी है। इसके तहत 5 आईआर बटालियन, 2 बॉर्डर बटालियन और 2 महिला बटालियन शामिल हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि 5 आईआर बटालियन की भर्ती प्रक्रिया पूरी हो गई है, जबकि 2 बॉर्डर बटालियन और 2 महिला बटालियन में भर्ती अभी चल रही है।
गृह मंत्रालय के मुताबिक सरकार ने जम्मू कश्मीर के प्रवासी लोगों के लिए भी कई कदम उठाए हैं। आंकड़ो के मुताबिक अब तक 44,684 कश्मीरी प्रवासी परिवार, जिनमें 1,54,712 लोग शामिल हैं। इन्हें जम्मू कश्मीर सरकार के राहत और पुनर्वास कमिश्नर में पंजीकृत किया गया है। वहीं 21,333 प्रवासी परिवार दिल्ली, पुणे और बेंगलुरु जैसे शहरों में बसे हैं। इसी तरह जम्मू डिवीजन के 4,524 प्रवासी लोगों को राहत और पुनर्वास कमिश्नर में पंजीकृत किया गया है।
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