ममता का धरना खत्म, नैतिक जीत का दावा, केंद्र ने भी अपनी जीत बताया

Last Updated 06 Feb 2019 12:20:44 AM IST

कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के सिर पर मंडरा रहा गिरफ्तारी का संकट टल गया है। सुप्रीम कोर्ट ने CBI से कहा है कि राजीव कुमार से शिलांग में पूछताछ की जाए, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।


कोलकाता : धरना स्थल पर चंद्रबाबू नायडू के साथ ममता बनर्जी। फोटो : देबज्योति चक्रवर्ती/एसएनबी

सुप्रीम कोर्ट ने कोलकता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से कहा है कि वह शारदा चिटफंड घोटाले की जांच में सीबीआई को सहयोग करें।
शिलांग में हो राजीव कुमार से पूछताछ: सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही कहा कि सीबीआई यह पूछताछ पश्चिम बंगाल के बजाय मेघालय की राजधानी शिलांग में करेगी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और संजीव खन्ना की बेंच ने कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को निर्देश दिया कि वह शारदा चिटफंड घोटाले से संबंधित मामले की जांच में सीबीआई के साथ पूरी ईमानदारी से सहयोग करें और उसके लिए उपलब्ध रहें। अदालत ने कहा कि राजीव कुमार मेघालय के शिलांग स्थित सीबीआई के दफ्तर में तयशुदा तारीख पर हाजिर रहेंगे।

बंगाल के डीजीपी और मुख्य सचिव से जवाब तलब

पुलिस कमिश्नर पर अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की सीबीआई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट राजीव कुमार के अलावा पश्चिम बंगाल के डीजीपी और मुख्य सचिव से जवाब मांगा है। अदालत ने उन्हें 20 फरवरी से पहले अपना जवाब देने का निर्देश दिया है। सीबीआई का आरोप है कि पुलिस आयुक्त इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं और उनके नेतृत्व में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा सीबीआई को उपलब्ध कराई गई सामग्री के साथ छेड़छाड़ की गई है। सीबीआई द्वारा दायर अदालत की अवमानना अर्जी पर पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और कोलकाता के पुलिस आयुक्त को 18 फरवरी से पहले अपना जवाब दाखिल करने का भी निर्देश दिया है।

केंद्र ने कहा, सहयोग नहीं कर रहे राजीव

इस मामले की करीब 15 मिनट की सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल और सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने 2014 से अब तक के शारदा घोटाले के घटनाक्रम से न्यायालय को अवगत कराया। उन्होंने आरोप लगाया कि राजीव कुमार चिटफंड घोटाले से जुड़े मामलों की जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। वेणुगोपाल और मेहता ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल पुलिस का विशेष जांच दल, जिसके मुख्य कर्ताधर्ता कुमार थे, सीबीआई को सारे दस्तावेज नहीं सौंप रहा है और उसके द्वारा दिए गए कुछ दस्तावेजों के साथ तो छेड़छाड़ भी की गई है। यह मामला शीर्ष अदालत ने सीबीआई को सौंपा था। अटार्नी जनरल के कथन के बीच ही पीठ ने कहा कि वह राजीव कुमार को जांच के लिए सीबीआई को उपलब्ध कराने का निर्देश देने पर विचार कर रही है। पीठ ने कहा, ‘ऐसी कोई वजह नहीं है कि वह खुद को जांच के लिए उपलब्ध नहीं कराएंगें।’

सिंघवी ने रखा पश्चिम बंगाल पुलिस का पक्ष

पश्चिम बंगाल पुलिस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने जांच एजेंसी के आरोपों का प्रतिवाद करते हुए कहा कि यह कोलकाता के पुलिस आयुक्त को परेशान और अपमानित करने का प्रयास है। उन्होंने शीर्ष अदालत के उस आदेश का भी जिक्र करने का प्रयास किया, जिसमें उनके अनुसार विशेष जांच दल की भूमिका की सराहना की गई थी और इसमें साफ कहा गया था कि चिटफंड मामले सीबीआई को स्थानांतरित किए जा रहे हैं क्योंकि यह कई राज्यों में फैले हैं। सिंघवी ने कहा कि अभी तक राजीव पर कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।

आदेश आम आदमी की जीत : ममता
ममता बनर्जी ने सीबीआई-कोलकाता पुलिस आयुक्त मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेश को अपनी ‘नैतिक जीत’ बताया, जिसमें जांच के दौरान कोलकाता पुलिस प्रमुख राजीव कुमार की गिरफ्तारी समेत कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया गया है। ममता ने कहा कि वह कोलकाता पुलिस आयुक्त के लिए नहीं, बल्कि देश के करोड़ों लोगों के लिए लड़ रही हैं। प्रत्येक संघीय राज्य में एक निर्वाचित सरकार है और केंद्र एवं राज्यों के स्पष्ट अधिकार क्षेत्र हैं।

ममता को झटका, सीबीआई  की नैतिक जीत
कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को सीबीआई के समक्ष उपस्थित होने के शीर्ष अदालत के आदेश को भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के लिए करारा झटका बताया और कहा कि यह जांच एजेंसी सीबीआई की नैतिक जीत है। उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है, चाहे वह पुलिस आयुक्त ही क्यों न हो।

 

विवेक वार्ष्णेय/सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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