सेबी ने मेहुल चोकसी के बैंक खातों, शेयरों, म्यूचुअल फंड को कुर्क करने का आदेश दिया

Last Updated 06 Jun 2025 03:12:58 PM IST

बाजार नियामक सेबी ने गीतांजलि जेम्स के शेयरों में भेदिया कारोबार नियमों के उल्लंघन मामले में 2.1 करोड़ रुपये का बकाया वसूलने के लिए फरार हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के बैंक खातों, शेयरों एवं म्यूचुअल फंड को कुर्क करने का आदेश दिया है।


फरार हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने यह कदम 15 मई को चोकसी को भेजे गए एक नोटिस के बाद उठाया गया है, जिसमें 15 दिन के भीतर भुगतान न करने पर संपत्ति के साथ बैंक खाते भी जब्त करने की चेतावनी दी गई थी।

चोकसी ने गीतांजलि जेम्स लिमिटेड के शेयरों में भेदिया कारोबार नियमों के उल्लंघन मामले में जनवरी, 2022 में सेबी द्वारा लगाए गए जुर्माने का भुगतान नहीं किया था जिसके बाद यह नोटिस जारी किया गया था।

चोकसी गीतांजलि जेम्स का चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक होने के साथ प्रवर्तक समूह का हिस्सा भी था। वह एक अन्य भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी का मामा है।

दोनों पर सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से 14,000 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने का आरोप है। वर्ष 2018 की शुरुआत में पीएनबी घोटाला सामने आने के बाद चोकसी और मोदी दोनों ही भारत से भाग गए थे।

भारतीय जांच एजेंसियों द्वारा प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद अप्रैल में चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया था। वहीं मोदी को मार्च, 2019 में स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने गिरफ्तार किया था और वर्तमान में वह उस देश की जेल में है। 

सेबी ने चार जून, 2025 को जारी जब्ती नोटिस में कहा कि 2.1 करोड़ रुपये के लंबित बकाया में 1.5 करोड़ रुपये का शुरुआती जुर्माना और 60 लाख रुपये का ब्याज शामिल है। 

बकाया वसूलने के लिए सेबी ने सभी बैंकों, डिपॉजिटरी- सीडीएसएल एवं एनएसडीएल और म्यूचुअल फंड कंपनियों से कहा कि वे चोकसी के खातों से किसी भी तरह की निकासी की अनुमति न दें। हालांकि, इन खातों में जमा की अनुमति है।

इसके अलावा, सेबी ने बैंकों को चूककर्ता के लॉकर समेत सभी खातों को कुर्क करने का निर्देश दिया है। 

सेबी ने जनवरी, 2022 में पारित अपने आदेश में चोकसी पर 1.5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के साथ ही उसे एक साल के लिए प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया था। 

सेबी ने अपनी जांच में पाया था कि चोकसी ने राकेश गिरधरलाल गजेरा को अप्रकाशित मूल्य-संवेदनशील जानकारी दी थी। गजेरा ने धोखाधड़ी का मामला उजागर होने के पहले ही दिसंबर, 2017 में गीतांजलि जेम्स में अपनी पूरी 5.75 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच दी थी। 

भाषा
नई दिल्ली


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