दिल्ली दंगा मामला : मस्जिद में आग लगाने के मामले में पांच के खिलाफ आरोप तय
दिल्ली दंगे के एक मामले में अदातल ने एक मस्जिद, कुरान, कालीन एवं सीसीटीवी (CCTV) कैमरों जैसे अन्य सामान में आग लगाने के आरोप में पांच लोगों के खिलाफ आरोप तय किए हैं।
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कड़कड़डूमा कोर्ट (Karkardooma Court) के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला (Additional Sessions Judge Pulastya Pramachala) ने इस मामले में अंकित, सौरभ शर्मा, रोहित, राहुल कुमार और सचिन के खिलाफ दंगा और गैरकानूनी रूप से एकत्रित होने को लेकर आरोप तय किए।
सभी अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 427, 435, 436, 149, 188 एवं 450 के तहत आरोप तय किए हैं। इसके अलावा अभियुक्त रोहित पर आईपीसी की धारा 109 व 114 के तहत भी आरोप तय किए गए हैं। इस मामले में करावल नगर पुलिस स्टेशन में एक व्यक्ति मोहम्मद इमरान (Mohd Imran) की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
इमरान का आरोप लगाया था कि दंगों के दौरान शहीद भगत सिंह कॉलोनी स्थित अल्लाह वाली मस्जिद में आग लगा दी गई थी। यह भी आरोप लगाया गया कि मस्जिद के दरवाजे के बाहर स्लैब पर एक मूर्ति भी रख दी गई है। पुलिस ने जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज के जरिए एवं कर्मचारी व एक हवलदार की पहचान पर आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
अदालत ने पांचों अभियुक्तों के खिलाफ आरोप तय करते हुए कहा कि एक चश्मदीद गवाह अली अहमद के बयान से पता चला है कि आरोपी रोहित भीड़ के अन्य सदस्यों को भड़का रहा था जिससे मस्जिद और मुस्लिम समुदाय के लोगों के अन्य घरों में आग लगाई जा सके।
अदालत ने यह भी गौर किया कि बयान में कहा गया है कि आरोपी सौरभ मस्जिद में आग लगा रहा था, जबकि अंकित उसे नुकसान पहुंचाने वाली चीजें निकाल रहा था। आरोपी राहुल और सचिन के बारे में गवाहों ने कहा कि 25 फरवरी, 2020 को वे बाहर गली में मस्जिद का सामान ले जा रहे थे और उसे नष्ट कर रहे थे। गवाह अली अहमद ने कहा है कि उसने उन्हीं लोगों को 24 फरवरी, 2020 को रात 11 बजे इस मस्जिद में तोड़फोड़ और आग लगाते देखा था।
न्यायाधीश ने इस तथ्य पर भी ध्यान दिया कि अभियुक्तों की पहचान चश्मदीद गवाह ने भीड़ के सदस्य के रूप में की थी।
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