Video: गाजीपुर लैंडफिल साइट में आग बुझाने का काम तीसरे दिन भी जारी, धुएं से सांस लेने में हो रही दिक्कत

Last Updated 30 Mar 2022 11:52:06 AM IST

पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर इलाके में लैंडफिल साइट (कचरा एकत्र करने वाले स्थान) पर सोमवार को लगी भीषण आग को बुझाने का काम अब भी जारी है। घटना के 48 घंटे बाद भी कुछ-कुछ स्थानों पर आग लगी हुई है।


Video: गाजीपुर लैंडफिल साइट में 3 दिन से धधक रही आग

दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि दमकल की दो गाड़ियां अब भी मौके पर मौजूद हैं।

अधिकारी ने बताया कि किसी के हताहत होने की अभी तक कोई खबर नहीं है। ‘‘ आग पर काबू पाने का काम अब भी जारी है और प्रशीतन की प्रक्रिया पूरी होने में अभी कुछ और समय लग सकता है।’’

इसी बीच स्थानीय निवासियों के मुताबिक, कूड़े के ढेर से निकल रहे धएँ के कारण उन्हें घर छोड़ अपने रिश्तेदारों के यहां जाना पड़ रहा है। दरअसल आग लगने के कारण लोगों के धुएं से सांस लेने में बहुत समस्या हो रही है। बुजुर्ग और बच्चों को घर के अंदर भी रहने में परेशानी हो रही है। जिस कारण कई लोग अपने अन्य रिश्तेदारों के यहां निकल गए हैं और धीरे- धीरे वापस आ रहे हैं।
 



स्थानीय निवासी रुखसाना ने बताया कि "आग लगने के कारण हालत बेहद खराब हो चुकी है, घरों के अंदर धुआं जा रहा है। धुएं के कारण गला खराब हो गया, मास्क लगाकर रहना पड़ रहा है। शाम को जब मुझे किसी अन्य घर जाना हुआ तो मुझे ऑक्सीजन तक लेनी पड़ी।"

"हमारे जानकार और हम खुद अपने रिश्तेदारों के यहां जाने को मजबूर हुए, आग शुरूआत में कंट्रोल हो सकती थी लेकिन कई देर तक आग न भुजाए जाने के कारण पूरे कूड़े के ढेर ने आग पकड़ ली।"

एक अन्य निवासी बिलकिश ने बताया कि, "किसी अन्य रिश्तेदारों के यहां नहीं जाएंगे तो क्या यहां रहकर मरेंगे? मरने की स्थिति बन चुकी है। आग लगने के बाद इतना हाल खराब हुआ कि मेरे बेटे की आंखों से पानी निकलने लगा था। वहीं मेरे खुद आवाज तक नहीं निकल रही थी।"

दरअसल लैंडफिल साइट की दूसरी ओर मुल्ला कालोनी, राजवीर कालोनी, घड़ोली विस्तार व कोड़ली कालोनी बसी हुई है। मुल्ला कॉलोनी में ही करीब एक लाख की आबादी रहती है। हर साल यहां के लोगों को इस कूड़े की ढेर से समस्याएं उठानी पड़ती है। यहां के बुजुर्गों में हर साल बीमारी बनी रहती है और किडनी, सांस की बीमारी से सबसे अधिक लोग ग्रहसित हैं।

मुल्ला कालोनी आरडब्ल्यूए की एक पदाधिकारी और आम आदमी पार्टी से जुड़ी मुन्नी खातून ने बताया कि, "कूड़े के ढेर से निकल रहे धुएं के कारण हम अपने रिश्तेदारों के यहां निकल गए थे और आज देर रात ही हम वापस लौटे हैं। इसके अलावा जिन लोगों को सांस की बीमारी है वह लोग भी आज ही वापस आए हैं और कुछ लौट रहे हैं।"

हालांकि गाजीपुर लैंडफिल साइट पर लगी आग पर सियासत हो रह है। भाजपा और आम आदमी पार्टी लगातार इस मसले पर आरोप प्रत्यारोप लगा रही है। वहीं दिल्ली सरकार ने आग लगने के जांच के आदेश भी दिए हुए हैं और पर्यावरण मंत्री आज प्रेस वार्ता भी करेंगे।

दिल्ली पुलिस ने आग लगने की घटना के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की है।

पुलिस उपायुक्त (पूर्व) प्रियंका कश्यप ने मंगलवार को बताया, ‘‘ भारतीय दंड संहिता की धारा 278 (स्वास्थ्य के लिए हानिकारक वातावरण बनाना), 285 (आग या ज्वलनशील पदार्थ के संबंध में लापरवाहीपूर्ण आचरण) और 336 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालना) के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।’’

दमकल विभाग द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, इस साल रविवार तक विभिन्न लैंडफिल साइट पर आग लगने की कुल चार घटनाएं हुईं हैं। पिछले साल इसी अवधि में आग लगने की 16 घटनाएं हुईं थी। इन 16 में से 12 घटनाएं भलस्वा में और चार गाजीपुर में हुई थीं। वहीं, 2020 में 15 और 2019 में ऐसी 37 घटनाएं हुईं थी।

भाषा/आईएएनएस
नई दिल्ली


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