पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने नौ मई को हुई हिंसा से जुड़े मामलों में इमरान खान को जमानत दी

Last Updated 21 Aug 2025 08:20:27 PM IST

पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने नौ मई को हुई हिंसा से संबंधित आठ मामलों में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को बृहस्पतिवार को जमानत दे दी।


कानून प्रवर्तन प्राधिकारियों द्वारा इस्लामाबाद में खान को हिरासत में लिए जाने के बाद उनके समर्थकों ने नौ मई 2023 को तोड़फोड़ और हिंसा की थी।

दंगों में कथित भूमिका के लिए खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कई नेताओं के खिलाफ कई मामले दर्ज किए थे।

उच्चतम न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने खान के वकील सलमान सफदर और पंजाब राज्य की ओर से विशेष अभियोजक जुल्फिकार नकवी की दलीलें सुनने के बाद खान को जमानत दे दी।

प्रधान न्यायाधीश आफरीदी की अध्यक्षता वाली पीठ में न्यायमूर्ति शफी सिद्दीकी और न्यायमूर्ति मियांगुल औरंगजेब शामिल थे।

खान की पार्टी पीटीआई ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में उच्चतम न्यायालय के फैसले को "इमरान खान की जीत" करार दिया जबकि उनके अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता जुल्फिकार बुखारी ने कहा कि खान को अब केवल एक मामले में जमानत की जरूरत है।

उन्होंने कहा, "उच्चतम न्यायालय ने नौ मई के मामलों में इमरान खान को जमानत दे दी है, अब खान को जेल से बाहर आने के लिए सिर्फ एक और मामले (अल कादिर मामले) में जमानत की जरूरत है।"

बुखारी के अनुसार, अल-कादिर ट्रस्ट मामले में दोषी ठहराए जाने के कारण नवीनतम राहत के बावजूद खान की रिहाई संभव नहीं है।

खान (72) ने नौ मई के दंगों से संबंधित मामलों में जमानत के लिए लाहौर की एक आतंकवाद-रोधी अदालत में याचिका दायर की थी, लेकिन नवंबर 2024 में याचिका खारिज कर दी गई थी। 

इसके बाद खान ने लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) में का रुख किया, लेकिन इस साल 24 जून को उच्च न्यायालय ने भी उनकी याचिका खारिज कर दी। इसके बाद, खान ने जमानत याचिका खारिज किए जाने को शीर्ष अदालत में चुनौती दी।

अप्रैल 2022 में पद से हटाए जाने के बाद से पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ कई अन्य मामले दर्ज किए गए हैं।

वह अगस्त 2023 से जेल में हैं और फिलहाल 19 करोड़ पाउंड के अल-कादिर भ्रष्टाचार मामले में रावलपिंडी की उच्च सुरक्षा वाली अडियाला जेल में सजा काट रहे हैं।

भाषा
इस्लामाबाद


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