दिल्ली को मिला नया सीवरेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट
दक्षिणी दिल्ली की संगम विहार एवं देवली विधानसभा क्षेत्र को सीवर नेटवर्क से जोड़ने के लिए दिल्ली सरकार ने शनिवार को एक नया वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लोगों को सौंप दिया।
![]() दिल्ली सरकार के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने नया वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का उदघाटन किया। |
केजरीवाल सरकार में ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने इसका उदघाटन किया। Rs31.80 करोड़ की लागत से बने एसटीपी से जहां सीवर नेटवर्क का विस्तार होगा, वहीं यमुना की सफाई व्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह एसटीपी पूरी तरह अत्याधुनिक एवं स्वचालित है और इससे करीब 23 लाख लोग लाभान्वित होंगे।
सत्येंद्र जैन ने उदघाटन करते हुए कहा कि यह एसटीपी शक्ति नगर, कमला नगर, रूप नगर, दिल्ली विविद्यालय परिसर, नेहरू विहार और विविद्यालय समेत कई क्षेत्रों से उत्पन्न होने वाले करीब 70 एमजीडी सीवर को ट्रीट करेगा। संगम विहार और देवली विधानसभा क्षेत्र को इससे जोड़ने के लिए 71.51 किमी लंबी सीवर लाइन के काम भी शुरुआत कर दी गई है। उन्होंने बताया कि कोरोनेशन पिलर के पास नवनिर्मित इस एसटीपी की प्रतिदिन 31.80 करोड़ लीटर अपशिष्ट जल को ट्रीट करने की क्षमता है।
जल मंत्री ने कहा कि उपरोक्त कालोनियों से निकलने वाले सीवर को कोरोनेशन पिलर वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में उपचारित किया जाएगा। उन्होंने एसटीपी की खूबियों का उल्लेख करते हुए कहा कि इसका निर्माण जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग और टीएसएस 10 मिलीग्राम प्रति लीटर के अपशिष्ट प्रवाह मानकों के साथ नवीनतम तकनीक के साथ किया गया है।
इसमें नाइट्रोजन और फास्फोरस को हटाने के साथ-साथ कीटनाशी का भी काम करता है, जो केंद्रीय प्रदूषण नियंतण्रबोर्ड (सीपीसीबी) के नए मानकों के अनुरूप है। बिजली उत्पादन के प्रावधान के साथ, इस संयंत्र को काफी चिरस्थायी बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि एसटीपी स्काडा पण्राली के आधार पर पूरी तरह से स्वचालित है। इसमें गाद एवं सीवरेज के डी-वाटिरंग का प्रावधान है, जिससे इसे सुखाने वाली क्यारियों की आवश्यकता समाप्त हो जाती है। इसीलिए यह नया संयंत्र दूसरों से अधिक बेहतर काम करता है।
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