कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की "झोली में गिरने" तथा विचारधारा से समझौता करने का आरोप लगाया और दावा किया कि भाजपा-आरएसएस उन्हें वहीं फेंक देंगे जहां कचरा फेंका जाता है।

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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 'वोटर अधिकार यात्रा' के समापन के मौके पर यह दावा भी किया कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के बाद "डबल इंजन सरकार" नहीं होगी और महागठबंधन की सरकार बनेगी जो गरीबों, महिलाओं, दलितों और पिछड़ों की सरकार होगी।
खरगे ने कहा, "आज पूरे देश में 'वोटर अधिकार यात्रा' की चर्चा हो रही है। भाजपा ने इस यात्रा को रोकने की पूरी कोशिश की, लेकिन बिहार की जनता, राहुल गांधी जी, तेजस्वी यादव और महागठबंधन के नेता नहीं रुके। आखिर में हमारी 'वोटर अधिकार यात्रा' पूरी हुई।"
उन्होंने दावा किया नरेंद्र मोदी बिहार में वोट चोरी करके चुनाव जीतना चाहते हैं, लेकिन हम सभी को सतर्क रहना होगा।
खरगे का कहना था, "बाबा साहेब आंबेडकर जी, गांधी जी, नेहरू जी ने देश के लोगों को वोट का अधिकार दिया है और हमें इस अधिकार को खोने नहीं देना है।"
खरगे ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा, "नीतीश कुमार एक जमाने में समाजवाद की विचारधारा की बात करते थे। पूरे देश में जाकर लोहिया, जॉर्ज फर्नांडिस के गुण गाते थे और अब भाजपा-आरएसएस की झोली में जा गिरे हैं।"
उन्होंने दावा किया कि एक दिन नीतीश कुमार को भाजपा-आरएसएस वाले वहां फेंक देंगे जहां कचरा फेंका जाता है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कथित वोट चोरी का जिक्र किया और जनता का आह्वान किया, "बिहार के लोग सतर्क रहें क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह आपको डूबा देंगे।"
'वोटर अधिकार यात्रा' 25 जिलों में 110 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों से गुजरी और इसमें 1300 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की गई।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, द्रमुक नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री तथा पार्टी के कई वरिष्ठ नेता इस यात्रा में शामिल हुए।
सासाराम से 17 अगस्त को निकाली गई इस यात्रा को विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन के व्यापक चुनाव अभियान के तौर पर देखा जा रहा है। इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
यह यात्रा रोहतास, औरंगाबाद, गयाजी, नवादा, शेखपुरा, नालंदा, लखीसराय, मुंगेर, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, सीवान, सारण, भोजपुर और कुछ अन्य क्षेत्रों से गुजरी।
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