राजधानी में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में

Last Updated 30 Oct 2019 05:19:04 AM IST

राजधानी में सूक्ष्म धूलकण पीएम 2.5 का स्तर मंगलवार शाम को दिल्ली विश्वविद्यालय में 740 तक पहुंच गया जो 60 तक अच्छा समझे जाने वाले स्तर से कई गुणा अधिक है।


राजधानी में बुधवार को दिवाली के बाद वायु प्रदूषण और बढ़ गया। राजपथ पर दिन में ही लगा जैसे कड़ाके की ठंड में कोहरा गिरा हो। फोटो : पेट्र

शाम आठ बजे चांदनी चौक में पीएम 2.5 का स्तर 483 पहुंच गया जबकि आईआईटी दिल्ली के पास इसका स्तर 365 व मथुरा रोड पर 368 पहुंच गया। पीएम 2.5 का गंभीर स्तर हृदय व फेफड़े के लिए खतरनाक माना जाता है। 
मंगलवार को राजधानी में आसमान में धुआं छाया रहा और सूर्य देर से निकला तथा कई स्थानों पर हवा की गुणवत्ता बिगड़ गई एवं गंभीर श्रेणी में पहुंच गई। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार साढ़े बारह बजे दिन में शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 390 था।
वायु गुणवत्ता के 0-50 के बीच एक्यूआई को अच्छा माना जाता है, जबकि 51-100 संतोषजनक, 101-200 मध्यम, 201-300 खराब, 301-400 बहुत खराब और 401-500 को गंभीर श्रेणी का माना जाता है। एक्यूआई अगर 500 से ऊपर पहुंच जाता है, तो उसे गंभीर व आपातकालीन श्रेणी का माना जाता है।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी सेवा, ‘वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान प्रणाली’ (सफर) के अनुसार चांदनी चौक में पीएम 2.5 का स्तर 483, आईआईटी के समीप 365 व मथुरा रोड पर 368 पहुंच गया। राजधानी के अन्य क्षेत्रों की स्थिति भी कोई अच्छी नहीं रही। आंनद विहार 436 एक्यूआई के साथ बेहद प्रदूषित जगह थी और नेहरु नगर 430 के साथ शहर में दूसरे स्थान पर था।
दिवाली की रात के बाद दिल्ली की वायु गुणवत्ता पटाखे फोड़ने, पराली जलाने और प्रतिकूल मौसम संबंधी स्थितियों के चलते काफी नीचे गिर गई थी। तब से प्रदूषण स्तर बहुत खराब श्रेणी के प्रारंभिक और आखिरी बिंदू के बीच है।
सफर ने कहा कि हवा की गति बढ़ने से प्रदूषकों को छितराने में मदद मिलेगी और प्रदूषण स्तर के नीचे आने की संभावना है। मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारियों ने अगले दो दिनों में हवा की गति में वृद्धि की संभावना से इनकार किया है। यानि तब तक स्थिति गंभीर बनी रहेगी।

 

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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