निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने की नहीं मिली अनुमति
दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकारी जमीन पर बने निजी स्कूलों को राहत देने से इनकार कर दिया। स्कूलों ने 12वीं के बाद स्कूल छोड़ रहे बच्चों से एरियर के रूप में बढ़ी हुई फीस वसूलने की अनुमति मांगी थी।
दिल्ली हाईकोर्ट |
न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर की दो सदस्यीय पीठ ने स्कूल की मांग को खारिज कर दिया और सुनवाई 8 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी। साथ ही तबतक स्कूलों को फीस बढ़ाने से मना कर दिया।
कोर्ट ने 20 मई को कहा था कि स्कूलों को जवाबदेह होना होगा। इससे पहले सरकार ने हलफनामा दाखिल कर कहा था कि सरकारी जमीन पर बने 364 में से 266 निजी स्कूलों ने फीस बढ़ाने की अनुमति मांगी थी। उसमें से 34 स्कूलों ने फीस बढ़ाने की मांग वाली अपनी अर्जी वापस ले ली थी।
दिल्ली सरकार ने फीस बढ़ाने की अनुमति देने संबंधी एकल पीठ के फैसले को दो सदस्यीय पीठ के समक्ष चुनौती दी है। एकल पीठ ने 15 मार्च को सातवें वित्त आयोग के सिफारिशों के अनुसार शिक्षक व कर्मचारियों के वेतन एवं भत्ते में बढ़ोतरी देने के लिए निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने की अनुमति दे दी थी। उसने सरकार के उस अधिसूचना को रद्द कर दिया था जिसके तहत उसने सरकारी जमीन पर बने निजी स्कूलों को 15 फीसद तक फीस बढ़ाने की अनुमति देने वाली देनेवाली अधिसूचना को वापस ले लिया था।
सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को देखते हुए सरकारी जमीन पर बने निजी स्कूलों को अपने शिक्षक व कर्मचारियों के वेतन भत्ते में बढ़ोतरी एवं अन्य लाभ देने के लिए 15 फीसद तक फीस बढ़ाने की अनुमति दे दी थी। इस बाबत उसने 17 अक्टूबर, 2017 को अधिसूचना जारी किया था। फिर उसने उस अधिसूचना को 1 अप्रैल, 2018 को वापस ले लिया था। एक्शन कमेटी ने सरकार के 13 अप्रैल के अधिसूचना को ही चुनौती दी थी।
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