‘84 के सिख विरोधी दंगा मामले में 9 लोग बरी

Last Updated 01 May 2019 06:09:34 AM IST

सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को 1984 सिख-विरोधी दंगा मामले में सबूतों के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए नौ दोषियों को बरी कर दिया।


सर्वोच्च न्यायालय

मामले में जिन्हें मंगलवार को बरी किया गया उनमें गनशेनन, वेद प्रकाश, तारा चंद, सुरेंदर सिंह (कल्याण पुरी), हबीब, राम शिरोमणी, ब्रह्म सिंह, सुब्बर सिंह ओर सुरेंदर मूर्ति शामिल हैं। इन लोगों को पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी इलाके में दंगा भड़काने के लिए दोषी ठहराया गया था। पिछले वर्ष नवंबर में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने मामले में सजा के फैसले को बरकरार रखा था, जिसके बाद दोषियों ने सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया था।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता तथा न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने उच्च न्यायालय के 28 नवंबर 2018 के आदेश को चुनौती देने वाले दोषियों की ओर से दायर पांच अपीलों को मंजूर कर लिया। पूर्व में उच्च न्यायालय ने 89 लोगों में से 70 लोगों की दोषसिद्धि को बरकरार रखा था जिन्हें दंगा, घरों में आग लगाने और कर्फ्यू के उल्लंघन के लिए पांच साल जेल की सजा सुनाई गई थी। 19 लोगों में 27 अगस्त 1996 के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अपील के लंबित रहने के दौरान 16 की मौत हो गई। उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि तीन अन्य की अपीलें फरार रहने के कारण खारिज कर दी गई।

एजेंसियां
नई दिल्ली


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