निगम ने की 31 संपत्तियां सील

Last Updated 13 Feb 2018 03:29:49 AM IST

पूर्वी दिल्ली में शाहदरा साउथ जोन भवन विभाग के अफसरों ने सोमवार को प्रिया एंक्लेव समेत कई इलाकों में 26 संपत्तियां सील की. ये कार्रवाई उन संपत्तियों पर की गई है, जिन संपत्तियों में व्यावसायिक गतिविधियां चल रही थीं.


दिल्ली नगर निगम ने की 31 संपत्तियां सील (फाइल फोटो)

कार्रवाई के दौरान लोगों ने विरोध किया, लेकिन भारी संख्या में पुलिस बल के साथ-साथ सीआरपीएफ व बीएसएफ की कंपनियों के आगे उनकी एक न चली. दूसरी ओर शाहदरा नॉर्थ जोन के बाबरपुर इलाके में भी कन्वर्जन शुल्क जमा नहीं करने पर पांच संपत्तियां सील की गई. निगम द्वारा पिछले दिनों विधायक व पाषर्द के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर के बाद से सोमवार को कोई भी नेता सीलिंग की कार्रवाई के दौरान नजर नहीं आया.

प्राप्त जानकारी के अनुसार शाहदरा साउथ जोन भवन विभाग के अधिकारी ने भारी पुलिस बल के साथ प्रिया एन्क्लेव सीलिंग की कार्रवाई करने पहुंचे. इस दौरान निगम अफसरों ने किरण विहार, बाहुबली एंक्लेव, ऋषभ विहार, सूरजमल विहार और राम विहार में चलने वाली दुकानों व शोरूम सहित 26 संपत्तियों पर सीलिंग की कार्रवाई की. सुरक्षा की दृष्टि के मद्देनजर पहले से ही भारी संख्या में पुलिस के साथ-साथ सीआरपीएफ व बीएसएफ कंपनियां तैनात की गई थीं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से निबटा जा सके. कई दुकानदार सीलिंग के दौरान अपना सामान दुकानों से बाहर निकालते हुए नजर आए.

गौरतलब है कि सीलिंग की कार्रवाई के दौरान स्थानीय विधायक ओमप्रकाश शर्मा के साथ पाषर्द गुंजन गुप्ता सहित अन्य पाषर्दों ने कार्रवाई का विरोध किया. इसके चलते निगम के अफसर सीलिंग की कार्रवाई किए बगैर ही बैरंग लौट गए थे. बाद में उनके खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने के चलते विधायक व पाषर्द के अलावा चार अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी.

सीलिंग के स्थाई समाधान के लिए एलजी से मिलेंगे गुप्ता : दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने कहा है कि वे उपराज्यपाल से मिलकर सीलिंग के स्थाई समाधान के लिए अपनी मांगें रखेंगे. उन्होने कहा कि यदि नगर निगमों को अपने-अपने क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाली सड़कों को लेकर सर्वे के उपरान्त नोटिफिकेशन जारी करने की शक्ति प्रदान की जाए तो स्थानीय निकाय अपने-अपने स्तर पर ही नोटिफिकेशन जारी कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि वर्तमान नियमों के अनुपालन में काफी विलम्ब होता है. साथ ही गोदामों तथा वेयरहाउसिंग स्टोरों को एक ही स्थान पर समूह में होने की शर्त से मुक्त रखा जाए. गुप्ता ने कहा कि रिहायशी इलाकों में कमर्शियल प्लाट आवंटित किये गये थे, उन पर बने भवनों को कन्वर्जन चार्ज से मुक्त रखा जाए. जैसे डिफेंस कालोनी और सुन्दर नगर जैसी रिहायशी बस्तियों में कुछ प्लॉट कमर्शियल प्रयोग के लिए आवंटित किये गये थे और ऐसी पेडेस्ट्रियन स्ट्रीट्स जहां पार्किंग का प्रावधान करना संभव नहीं है, उन्हें कमर्शियल घोषित किया जाए.

सहारा न्यूज ब्यूरो


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