छत्तसीगढ़: आकर्षण का केंद्र बना बैंबू सैलून

Last Updated 25 Jan 2020 12:30:11 PM IST

पर्यावरण के लिए प्लास्टिक सबसे ज्यादा नुकसानदायक है और सौंदर्य व सैलून जगत में उपयोग किए जाने वाले उत्पादों में प्लास्टिक का सहारा लिया जाता है, मगर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक ऐसा ब्यूटी सैलून तैयार किया गया है जो पूरी तरह ईकोफ्रेंडली तो है ही साथ में यहां सौंदर्य प्रसाधन सामग्री भी पर्यावरण प्रेमी है।


इसे 'बैम ब्यूटी सैलून' के नाम से पहचाना जाता है, जो बांस से बना है और प्रयुक्त होने वाली सामग्री और औजार भी बांस के ही हैं।

बिलासपुर के नेहरू नगर इलाके में शुरू किया गया यह 'बैम ब्यूटी सैलून' सभी के आकर्षण का केंद्र है, क्योंकि यह बांस से तैयार किया गया है। छत्तीसगढ़ के इस पहले इकोफ्रेंडली ब्यूटी सैलून में न सिर्फ आर्गेनिक ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल किया जाता है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों का उपयोग जैसे बांस से बने मेकअप ब्रश, बांस से निर्मित सौंदर्य उत्पादों मइस्चराइजर, फेस मास्क आदि का प्रयोग किया जाता है। इनिशिएटिव ऑफ लाइवलीहुड एंड डेवलपमेंट (आई-लीड) के तहत संचालित यह सैलून नाम के अनुरूप इकोफ्रेंडली है।

महिलाओं के सशक्तीकरण के साथ विभिन्न प्रशिक्षण के जरिए उद्यमिता से जोड़कर आर्थिक तौर पर सक्षम बनाने के लिए बिलासपुर में टीएफडब्ल्यूए केयर के सहयोग से ऐड एट एक्शन ने अभियान शुरू किया। वर्ष 2018 में शुरू हुए एंटरप्राइज मॉडल और स्किल ट्रेनिंग सेंटर का लक्ष्य महिलाओं को गांव के भीतर ही रोजगारपरक प्रशिक्षण देकर सशक्त बनाना है।

महिलाओं के जीवन में बदलाव लाने के लिए कौशल प्रशिक्षण के साथ-साथ व्यक्तित्व विकास में भी सहायता की जा रही है, ताकि वे खुद को सशक्त बना सकें और दूसरों के लिए रोजगार के अवसर पैदा कर सकें। छत्तीसगढ़ के 10 अलग-अलग जगहों पर ऐसे 10 प्रशिक्षण केंद्र खोले गए हैं। ट्रेनिंग सेंटर से प्रशिक्षित उद्यमियों ने बिलासपुर जिला के अलग-अलग हिस्सों में अपना रोजगार स्थापित किया है।

ऐड एट एक्शन के एंटरप्राइज मॉडल एंड स्किल ट्रेनिंग सेंटर से चार महिलाएं सिथलेश साहू, प्रीति यादव, पूर्णिमा श्रीवास और सीमा राजपूत ने प्रशिक्षण हासिल किया। कभी घरेलू कामकाज और जीविकोपार्जन के लिए संघर्ष करने वाली ये महिलाएं इकोफ्रेंडली बैम ब्यूटी सैलून के जरिए न सिर्फ बिलासपुर बल्कि देश की महिलाओं के लिए नजीर पेश कर रही हैं।

पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए बांस से बने बैम ब्यूटी सैलून का संचालन करने वाली ये महिलाएं खुद को स्थापित करने के बाद समाज के हाशिए पर रहने वाली महिलाओं के लिए रोजगार के द्वार खोलने की तैयारी कर रही है।

सैलून संचालिका सीमा राजपूत ने कहा, "संघर्ष के दौर से गुजरते वक्त मेरे कैरियर निर्माण में ऐड एट एक्शन की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रही है। जरूरी कम्प्यूटर शिक्षा, अंग्रेजी भाषा का ज्ञान और व्यक्तित्व विकास संबंधी प्रशिक्षण सत्रों ने मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया। वहीं बैम ब्यूटी सैलून हमारी आय का जरिया बना है।"

ऐड एट एक्शन इंटरनेशनल के लाइवलीहुड एजुकेशन, साउथ एशिया के प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ. ऐश्वर्य महाजन के अनुसार, "बैम ब्यूटी इन चार महिलाओं के अथक प्रयासों का परिणाम है। इसकी अवधारणा सतत विकास के लक्ष्यों के अनुरूप है। मेरे लिए यह खुशी की बात है कि चार महिला उद्यमियों ने आगे आकर बैम ब्यूटी को कल्पना को धरातल पर उतारा है।

पूरी तरह से इकोफ्रेंडली यह सैलून न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण में योगदान देगा, बल्कि अधिक से अधिक महिलाओं के लिए एंटरप्रेन्योरशिप की प्रेरणा के रूप में भी काम करेगा।"

उन्होंने यह भी बताया कि आईलीड के तहत एक महत्वपूर्ण पहल है, जो समाज के वंचित वर्ग के युवाओं को लाइवलीहुड एजुकेशन मुहैया करके आत्मनिर्भर बना रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाता है। साथ ही स्किल और काउंसलिंग के जरिए प्रशिक्षुओं का आत्मविश्वास भी बढ़ाया जाता है।

वर्तमान दौर में जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण खासकर प्लास्टिक प्रदूषण आज के समय में वैश्विक चिंता का विषय बन गया है। सौंदर्य और सैलून उद्योग को प्लास्टिक प्रदूषण के बड़े कारकों में गिना जाता है। इसके विपरीत इको फ्रेंडली ब्यूटी सैलून बैम ब्यूटी एक मिसाल कायम कर रहा है।

आईएएनएस
बिलासपुर


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