ब्राह्मणों को देश से बाहर निकालने की बात क्यों कर रहे हैं राजद नेता?
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव ने रामचरित मानस की चौपाइयों को लेकर जब कुछ बयान दिया था तो उस समय खूब हंगामा मचा था। उन पर हिन्दू विरोधी होने समेत ढेर सारे आरोप लगा दिए गए थे। दो, तीन महीनों तक वह मामला गरमाया रहा। धीरे-धीरे उनकी बात को बिहार के लोग भूलने लगे थे, इसी बीच बिहार के एक और पूर्व विधायक और सत्ताधारी पार्टी राजद के नेता यदुवंश कुमार यादव ने ब्राह्मणों को लेकर एक ऐसी बात कह दी है कि एक बार फिर वहां हंगामा मच गया है। राजद नेता ने ब्राह्मणों को भारत के बाहर का बताते हुए उन्हें यहाँ से बाहर भेजने की बात कर दी है।
![]() राजद के नेता यदुवंश कुमार यादव |
ब्राह्मणों के अलावा भाजपा तो उनके ब्यान की निंदा कर ही रही है, गठबंधन में शामिल जदयू ने भी उनके ब्यान से किनारा कर लिया है। यदुवंश कुमार ने यह बयान उस समय दिया जब उन्हें डॉ भीम राव आंबेडकर के जीवन पर परिचर्चा के लिए आयोजित एक कार्यक्रम उन्हें बतौर अतिथि बुलाया गया था। अधिकांश लोगों को याद होगा कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने भी रामचरित मानस की कुछ चौपाइयों को लेकर बयान, एक कालेज में आयोजित कार्यक्रम के दौरान ही दिया था।
दरअसल ब्राह्मणों को लेकर गाहे-बगाहे इस तरह की चर्चा होती रहती है कि भारत में रहने वाले ब्राह्मण विदेश से आए हैं। वो यहाँ के मूल निवासी नहीं हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल भी ब्राह्मणों की खिलाफत करते हैं। वो पूरे देश में घूम-घूम कर ब्राह्मणों को लेकर इसी तरह की बात करते रहते हैं। अब बिहार से शायद पहली बार ब्राह्मणों के खिलाफत की आवाज उठी है। राजद के पूर्व विधायक और पार्टी के राष्ट्रीय सचिव यदुवंश कुमार यादव ने दावे के साथ कहा है कि ब्राह्मणों के डीएनए की जाँच से भी पता चल गया है, कि वो लोग रूस या अन्य देशों से यहाँ आकर बस गए हैं। इन लोगों को उन देशों से भगा दिया गया था।
उन्होंने ब्राह्मणों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वो लोग दूसरी जाति के लोगों के बीच में फुट डालते हैं। हालांकि भाजपा ने उनके ब्यान की खुलकर निंदा की है। साथ ही साथ कहा है कि ब्राह्मण भारत के निवासी हैं। वो लोग संस्कार सिखाते हैं। जो लोग ब्राह्मणों को बाहर भेजने की बात कर रहे हैं, उन्हें ही देश से बाहर कर देना चाहिए।भाजपा ने कहा है कि जो समाज में द्वेष फैलाते हैं उन्हें यहाँ रहने का कोई हक़ नहीं। बिहार में इस समय महागठबंधन की सरकार है। जदयू के नेता नीतिश कुमार मुख्यमंत्री हैं, जबकि राजद के तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री हैं। जदयू प्रवक्ता ने भी यदुवंश के बयानों का विरोध किया है। ऐसे में यदुवंश का यह ब्यान गठबंधन की मुश्किलें बढ़ा सकता है।
लगभग दो दशक पहले बिहार में जातिगत लड़ाइयां खूब हुआ करती थीं। उन लड़ाइयों में बेगुनाह लोगों को ज्यादा परेशानियां उठानी पड़ती थी। बिहार में हिन्दू-मुस्लिम के बीच लड़ाइयां उतनी नहीं हुई हैं जितनी की जातिगत लड़ाइयां हुई हैं। हालांकि पिछले पंद्रह या बीस वर्षों से जातिगत लड़ाइयों पर एक तरह से विराम लग गया था, लेकिन यदुवंश यादव की बातों को सुनने के बाद जाहिर सी बात है कि एक जाति के लोग नाराज होंगे। उनके ब्यान के बाद ना सिर्फ जातिगत मतभेद पैदा होने की संभावना बढ़ेगी, बल्कि गठबंधन में दरार पड़ने की नौबत भी आ सकती है। क्योंकि राजद में भी कई ब्राह्मण नेता हैं। उन्ही में से एक हैं शिवानंद तिवारी। वो ना सिर्फ राजद के उपाध्यक्ष हैं बल्कि लालू यादव के समकक्ष वाले नेता माने जाते हैं।
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