बिहार भाजपा के नए अध्यक्ष को लेकर मंथन

Last Updated 29 Sep 2022 07:52:29 PM IST

बिहार में सत्ता खोने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ताधारी महागठबंधन को कड़ी टक्कर देने के लिए न केवल संगठन के मजबूत करने को लेकर कमर कस ली है, बल्कि सामाजिक समीकरण को साधने के लिए भी जोड़ -घटाव कर रही है। नए लोगों को मिल सकती है जिम्मेदारी।


बिहार भाजपा के नए अध्यक्ष को लेकर मंथन

ऐसे में पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती कार्यकाल पूरा कर चुके प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल की जगह नए अध्यक्ष को कमान सौंपने की है। संभावना जताई जा रही है कि दशहरा के बाद बिहार की जिम्मेदारी किसी नए व्यक्ति को सौंप दी जाएगी।

भाजपा अध्यक्ष के चुनाव में सामाजिक समीकरण को साधने का भी मन बना लिया है, जिस पर मंथन चल रहा है। पार्टी ऐसे मांझी की तलाश कर रही है जो न केवल मझधार में फंसे भाजपा को यहां से निकाल ले जाए बल्कि पहली बार पार्टी को अकेले सत्ता तक पहुंचा सके।

भाजपा के सूत्र बताते हैं कि पार्टी ऐसे नेता की तलाश में है, जो राजद प्रमुख लालू यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नई जोड़ी से मुकाबला कर सके। प्रयास है कि संगठन में पकड़ और संगठन के अनुभवी के साथ तेजतर्रार और युवा चेहरे को आगे किया जाए।

इससे पहले विधानसभा में सवर्ण वर्ग के विजय सिन्हा और विधान परिषद में सम्राट चौधरी को नेता प्रतिपक्ष बनाकर भाजपा बड़ा संदेश दे चुकी है। विजय सिन्हा सवर्ण जबकि सम्राट चौधरी पिछड़ा वर्ग के हैं।

इसके बाद अब भाजपा की नजर प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए आधार मतदाता वाले अति पिछड़ी और दलित समुदाय के नेताओं पर टिकी है।

माना जा रहा है कि इसमें सामाजिक और क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखा जाएगा। साथ ही नीतीश सरकार के खिलाफ मुखर हो सकने वाले किसी नेता को कमान सौंपी जाएगी।

हालांकि माना जा रहा है कि पार्टी पिछड़े वर्ग के नेताओं और कार्यकर्ताओं को तरजीह दे।

कुछ लोग बताते हैं कि संजय जायसवाल को कार्यकाल विस्तार मिल सकता है, लेकिन इसकी संभावना कम मानी जा रही है।

आईएएनएस
पटना


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