बिहार: राज्यपाल ने कहा- विकास का शत-प्रतिशत लाभ पाने के लिए कुरीतियों के प्रति जागरूक होना जरूरी

Last Updated 26 Jan 2018 12:47:59 PM IST

बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सामाजिक कुरीतियों नशा, बाल विवाह और दहेज प्रथा के प्रति जागरूक होने पर बल देते हुये आज कहा कि इसके बिना विकास कार्यों का शत-प्रतिशत लाभ समाज को नहीं मिल पाएगा.


बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक

पटना में मलिक ने ऐतिहासिक गांधी मैदान में 69वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर झंडोत्तोलन के बाद राज्यवासियों को संबोधित करते हुये कहा कि समाज को विकास कार्यों का शत-प्रतिशत लाभ तबतक नहीं मिलता जबतक कि समाज व्याप्त कुरीतियों के प्रति जागरूक न हो. इसलिए, समाज सुधार के कार्यक्रमों को भी पूरी तत्परता के साथ लागू किया जाना आवश्यक है.

उन्होंने कहा कि समाज की अधिकांश कुरीतियों से सबसे अधिक महिलायें प्रभावित होती हैं. इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने 02 अक्टूबर 2017 से बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के उन्मूलन के लिए सशक्त अभियान शुरू किया है.
        
राज्यपाल ने कहा कि बाल विवाह और दहेज प्रथा कि खिलाफ सशक्त कानून होने के बावजूद समाज में ये दोनों कुरीतियां विद्यमान हैं इसलिए इनके विरुद्ध सबके सहयोग से सामाजिक अभियान चलाना आवश्यक था.

उन्होंने कहा कि बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खात्मे के लिए चलाये गये अभियान के माध्यम से शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर, लैंगिक असमानता, कुपोषण एवं बौनापन, लड़कियों में असुरक्षा की भावना और अशिक्षा जैसी समस्याओं को कम करने में सहायक होगा.

उन्होंने कहा कि इस वर्ष 21 जनवरी को राज्यवासियों ने बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ 14 हजार किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाकर इस अभियान के समर्थन में अपने संकल्प को प्रकट किया है.

मलिक ने कहा कि सरकार ने इससे पूर्व राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू की तथा उसके बाद पूर्ण नशाबंदी का संकल्प लिया है. सरकार के इस कदम से राज्य में इसके प्रति खासकर महिलाओं, युवाओं एवं बालक-बालिकाओं में काफी उत्साह है. उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से शराबबंदी एक सामाजिक अभियान का रूप ले चुकी है.

पूर्ण शराबबंदी से समाज अधिक सशक्त, स्वस्थ एवं संयमी हुआ है, जिसका अतुल्य प्रभाव बिहार की प्रगति में परिलक्षित हो रहा है. शराबबंदी के कारण परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार तथा पारिवारिक हिंसा, घरेलू कलह एवं सामाजिक अपराध के मामलों में कमी आई है.


      
राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने सुशासन एवं न्याय के साथ विकास के सिद्धांत पर राज्य के विकास के लिए सार्थक प्रयास किये हैं. सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हो रही है.

विकास और कल्याण के पथ पर सभी क्षेत्रों और वर्गों को साथ लेकर चलने के लिए सरकार संकल्पित है.

राज्य में विकास की रणनीति समावेशी, न्यायोचित और सतत् होने के साथ ही आर्थक प्रगति पर आधारित है. बिहार को देश के विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए सुशासन
के कार्यक्रम लागू किये गये हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में कानून का राज कायम रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. संगठित अपराध पर अंकुश लगाया गया है और यही व्यवस्था आगे भी जारी है.

पुलिस तंत्र के सुदृढीकरण के लिए कई कदम उठाये गये हैं ताकि वे अपने जिम्मेदारियों का निर्वहन कुशलतापूर्वक कर सकें. उन्होंने कहा कि यह सरकार के संकल्प का ही परिणाम हैं कि राज्य में सौहाद्र्र एवं सांप्रदायिक सछ्वाव का वातावरण है.

मलिक ने कहा कि भ्रष्टाचार पर ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर सरकार की मुहिम जारी है. भ्रष्ट लोकसेवकों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. प्रशासनिक एवं वित्तीय संरचनाओं को मजबूत एवं पारदर्शी बनाने के साथ ही लोगों को कानूनी अधिकार देकर सशक्त बनाने की नीति पर लगातार काम किया जा रहा है.

प्रशासन के निचले स्तर पर भ्रष्टाचार की समस्या के निदान के लिए‘बिहार लोक सेवाओं का अधिकान कानून’के तहत अभी तक 17 करोड़ 76 लाख आवेदनों का निष्पादन किया जा चुका है. 

उन्होंने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम 2015 को लागू कर लोगों को उनकी शिकायत पर सुनवाई के साथ ही निर्धारित समयसीमा में इसके निवारण का
भी कानूनी अधिकार दिया गया है. पिछले डेढ़ वर्ष में ही करीब दो लाख 41 हजार से अधिक शिकायतों का निपटारा किया गया है.

 



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