अमेरिका के भारत पर घोषित शुल्क का भारतीय व्यवसायों पर क्या होगा प्रभाव

Last Updated 31 Jul 2025 04:13:55 PM IST

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आयातित वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त आयात शुल्क और जुर्माना लगाने की बुधवार को घोषणा की।


यह शुल्क एक अगस्त से लागू होगा। रूस से कच्चा तेल और सैन्य उपकरण खरीदने पर भारत पर यह अनिर्दिष्ट जुर्माना लगाया गया है।

यह घोषणा चौंकाने वाली है क्योंकि दोनों देश एक व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। अमेरिकी कदम के प्रभावों को लेकर उठ रहे कुछ सवालों के जवाब इस प्रकार हैं -
     
प्रश्न. शुल्क क्या हैं?
उत्तर. ये वस्तुओं के आयात पर लगाए गए सीमा शुल्क या आयात शुल्क हैं। आयातक को सरकार को यह शुल्क देना होता है। आम तौर पर, कंपनियां इनका बोझ उपयोगकर्ताओं पर डालती हैं।
     
प्रश्न: भारत के खिलाफ घोषित शुल्क की दरें क्या हैं?
उत्तर: अमेरिका ने 25 प्रतिशत शुल्क और रूस से कच्चा तेल एवं सैन्य उपकरण खरीदने पर जुर्माना लगाने की घोषणा की है। हालांकि, अमेरिका ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि जुर्माना कितना होगा और यह कैसे लगाया जाएगा। 25 प्रतिशत शुल्क और जुर्माने पर व्हाइट हाउस (अमेरिकी राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) का एक कार्यकारी आदेश शुल्क संरचना को स्पष्ट करेगा।

इसके अलावा 10 प्रतिशत मूल शुल्क पहले से ही भारत के सभी उत्पादों पर लगा है जिसकी घोषणा दो अप्रैल को की गई थी।

वहीं भारत से आने वाले इस्पात व एल्युमीनियम पर 50 प्रतिशत और वाहन व उसके घटकों पर पहले ही 25 प्रतिशत शुल्क लगा है। ये शुल्क भारतीय वस्तुओं पर मौजूदा शुल्क के अतिरिक्त लगाए जाते हैं। उदाहरण के लिए वर्तमान में वस्त्र उद्योग पर छह से नौ प्रतिशत शुल्क लगता है, इसलिए 25 प्रतिशत शुल्क जोड़ने के बाद एक अगस्त से अमेरिका में प्रवेश करने वाले भारतीय वस्त्र उत्पादों पर 31-34 प्रतिशत शुल्क लगेगा। इस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
     
प्रश्न: अमेरिका ने इन शुल्क की घोषणा क्यों की है?
उत्तर: अमेरिका ने आरोप लगाया है कि भारत के साथ उसका व्यापार घाटा काफी अधिक है। उसने भारत को अमेरिकी वस्तुओं पर उच्च शुल्क लगाने का जिम्मेदार भी ठहराया है, जिसके कारण भारतीय बाजार में अमेरिकी निर्यात सीमित हो जाता है।
     
प्रश्न: भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार कितना है?
उत्तर: वित्त वर्ष 2021-25 के दौरान अमेरिका भारत का सबसे बड़ा वस्तु व्यापार साझेदार था। भारत के कुल निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी लगभग 18 प्रतिशत, आयात में 6.22 प्रतिशत और द्विपक्षीय व्यापार में 10.73 प्रतिशत है। 2024-25 में द्विपक्षीय व्यापार 186 अरब अमेरिकी डॉलर (86.5 अरब अमेरिकी डॉलर निर्यात और 45.3 अरब अमेरिकी डॉलर आयात) तक पहुंच गया।

अमेरिका के साथ भारत का व्यापार अधिशेष (आयात व निर्यात का अंतर) 2024-25 में 41 अरब अमेरिकी डॉलर था। यह 2023-24 में 35.32 अरब अमेरिकी डॉलर और 2022-23 में 27.7 अरब अमेरिकी डॉलर था।

भारत ने सेवाओं में अनुमानित 28.7 अरब अमेरिकी डॉलर का निर्यात और 25.5 अरब अमेरिकी डॉलर का आयात किया जिससे 3.2 अरब अमेरिकी डॉलर का अधिशेष प्राप्त हुआ।

कुल मिलाकर, भारत का अमेरिका के साथ कुल व्यापार अधिशेष लगभग 44.4 अरब अमेरिकी डॉलर रहा।

आर्थिक शोध संस्थान ‘ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव’ के अनुसार, हालांकि शिक्षा, डिजिटल सेवाओं, वित्तीय गतिविधियों, रॉयल्टी और हथियारों के व्यापार से प्राप्त राजस्व को शामिल करने पर अमेरिका का कुल अधिशेष 35-40 अरब अमेरिकी डॉलर बैठता है।
     
प्रश्न: दोनों देशों के बीच मुख्य तौर किन उत्पादों का व्यापार होता है?
उत्तर: अमेरिका को भारत के मुख्य निर्यात में 2024 में दवा निर्माण तथा जैविक (8.1 अरब अमेरिकी डॉलर), दूरसंचार उपकरण (6.5 अरब अमेरिकी डॉलर), कीमती व अर्ध-कीमती पत्थर (5.3 अरब डॉलर), पेट्रोलियम उत्पाद (4.1 अरब डॉलर), सोना तथा अन्य कीमती धातु के आभूषण (3.2 अरब डॉलर), सहायक उपकरण सहित सूती तैयार वस्त्र (2.8 अरब डॉलर) और लोहा व इस्पात के उत्पाद (2.7 अरब डॉलर) शामिल है।

आयात में कच्चा तेल (4.5 अरब डॉलर), पेट्रोलियम उत्पाद (3.6 अरब डॉलर), कोयला, कोक (3.4 अरब डॉलर), तराशे व पॉलिश किए गए हीरे (2.6 अरब डॉलर), इलेक्ट्रिक मशीनरी (1.4 अरब डॉलर), विमान, अंतरिक्ष यान तथा कलपुर्जे (1.3 अरब अमेरिकी डॉलर) और सोना (1.3 अरब डॉलर) शामिल हैं।

आयात शुल्क आयातक देश में वस्तुओं को महंगा बना देता है। इसके अलावा, कुछ अन्य कारक भी इसमें भूमिका निभाते हैं। उदाहरण के लिए भारत के प्रतिस्पर्धी देशों जैसे बांग्लादेश (35 प्रतिशत), वियतनाम (20 प्रतिशत) और थाईलैंड (36 प्रतिशत) पर शुल्क और वस्तुओं की गुणवत्ता एवं मानक आदि...।

निर्यातकों के अनुसार, इस शुल्क के कारण भारतीय श्रम-प्रधान वस्तुएं जैसे वस्त्र, चमड़ा और गैर-चमड़ा जूते, रत्न एवं आभूषण, कालीन और हस्तशिल्प प्रभावित हो सकते हैं।
     
प्रश्न: एक अगस्त से प्रमुख भारतीय वस्तुओं पर अमेरिकी शुल्क क्या होंगे?
उत्तर: दूरसंचार पर 25 प्रतिशत, रत्न व आभूषण पर 30 से 38.5 प्रतिशत (वर्तमान में 5-13.5 प्रतिशत), खाद्य एवं कृषि उत्पाद पर 29 से 30 प्रतिशत (वर्तमान में 14-15 प्रतिशत), परिधान पर 12 प्रतिशत के अलावा 25 प्रतिशत शुल्क लगेगा।

एक अगस्त से दंडात्मक घटक भी लागू हो सकता है।
     
प्रश्न: क्या ट्रंप के इस आरोप में कोई दम है कि भारत में शुल्क बहुत अधिक हैं?
उत्तर: अमेरिका दुग्ध उत्पादों (188 प्रतिशत), फलों व सब्जियों (132 प्रतिशत), कॉफी, चाय, कोको व मसालों (53 प्रतिशत), अनाज एवं खाद्य पदार्थों (193 प्रतिशत), तिलहन, वसा व तेल (164 प्रतिशत), पेय पदार्थ एवं तंबाकू (150 प्रतिशत), खनिज व धातु (187 प्रतिशत) और रसायन (56 प्रतिशत) जैसी वस्तुओं पर भी उच्च शुल्क लगाता है।
     
भारत की औसत शुल्क दर 17 प्रतिशत है, जो अमेरिका की 3.3 प्रतिशत से अधिक है लेकिन दक्षिण कोरिया (13.4 प्रतिशत) और चीन (7.5 प्रतिशत) जैसी अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के समान है।

भाषा
नई दिल्ली


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