एक शादी ऐसी, बाराती थिरकेंगे लेकिन शराब नहीं पी पायेंगे

Last Updated 15 Jun 2017 12:44:09 PM IST

एक शादी में शहनाई बजेगी, बाराती थिरकेंगे भी, लेकिन शराब नहीं पी पायेंगे क्योंकि विवाह के निमंत्रण पत्र पर साफ तौर से छपवा दिया है कि 'शादी में शराब पीना सख्त मना है.'


एक शादी ऐसी, बाराती थिरकेंगे लेकिन शराब नहीं पी पायेंगे

ये अनोखी पहल की है उत्तर प्रदेश के इटावा में यमुना नदी के किनारे बसे धूमनपुरा गांव के एक राजपूत परिवार ने. इस परिवार ने अपने बेटे की शादी में शराब के सेवन को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है. इस निर्णय की हर ओर चर्चा है. परिवार के सबसे बुजुर्ग की इच्छा पर विवाह के निमंत्रण पत्र पर साफ तौर से विवाह कार्यक्रम में शराब पीना प्रतिबंधित लिखाया गया है.

यही नहीं, परिवार के जो भी सदस्य अपने रिश्तेदारों या मित्रों को निमंत्रण देने जा रहे हैं, वे मौखिक रूप से जानकारी दे रहे हैं कि विवाह में शराब पीना वर्जित रहेगा.

परिवार की इस पहल की चर्चा जोरों पर है, लोग इस नई पहल को समाज को नया रास्ता दिखाने का कार्य बता रहे हैं.

गांव के कृष्ण अवतार राजपूत के नाती रवि का रिश्ता गांधीनगर अजीतमल निवासी ईश्वरी प्रसाद राजपूत की बेटी रेखा से तय हुआ तो दोनों परिवारों ने इस विवाह कार्यक्रम से समाज को एक नया संदेश देने का फैसला लिया और विवाह समारोह में शराब को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया.

इसके बाद विवाह कार्यक्रम में रिश्तेदारों, नातेदारों और मित्रों को न्योता देने के लिए जो निमंत्रण पत्र छपवाए गए, उस पर साफ तौर से लिखा दिया गया कि शादी समारोह में मधुपान करना वर्जित है.

दूल्हे के बाबा कृष्ण अवतार राजपूत बताते हैं कि उन्होंने अपने परिवार और गांव के विवाह कार्यक्रमों को शराब के चलते बिगड़ते देखा है. यही नहीं आए दिन समाचार पत्रों में शराब से विवाह समारोह के रंग में भंग पड़ने के खबरें वह पढ़ते हैं. इन्हीं सब से बचने के लिए और समाज को नया रास्ता दिखाने के लिए उन्होंने शादी समारोह में शराब प्रतिबंधित करने का फैसला लिया.

रवि के पिता राजेश कुमार मानते हैं कि परिवार के बुजुर्ग और उनके पिता ने जो फैसला लिया है वह समाज को नई राह दिखाने का कार्य करेगा. वह इस फैसले में अपना पूरा सहयोग कर रहे हैं और निमंत्रण पत्र बांटते समय अपने रिश्तेदारों को इस बात की पूरी जानकारी दे रहे हैं.

अपने बेटे के विवाह कार्यक्रम में शराब को वर्जित किए जाने से सबसे ज्यादा खुश रवि की मां विमला देवी और दादी माया देवी हैं. वह कहती हैं कि गांव में वह विवाह कार्यक्रमों में आती जाती रहती हैं जिसमें ज्यादातर देखने को मिलता है कि शराब पीने वाले खुशियों के मौके पर कुछ ऐसा करते हैं जिससे सब कुछ पल भर में बिगड़ जाता है. कई बार तो उन्होंने खुशियां गम में भी बदलती देखी हैं. वह चाहती हैं कि गांव के ही नहीं शहर के भी लोग इसे अपनाएं और अपने घर में होने वाले विवाह समारोह में शराब को वर्जित करें.

दूल्हा रवि का कहना है कि उनके बाबा के इस फैसले से सभी खुश हैं. यहां तक कि उसके दोस्त जिनमें से कई शादी विवाह समारोह में शराब का सेवन करते हैं भी इस फैसले को नई पहल मान रहे हैं और उन्होंने उससे पूरा सहयोग की बात कही हैं. रवि चाहते हैं कि शादी में शराब को प्रतिबंधित कर परिवार कई उन मुश्किलों से दूर रह सकता है जो आए दिन विवाह समारोह में देखने को मिलती हैं.

वार्ता


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