2017-18 के बजट में पांच लाख तक के जेवरों की खरीद पर खत्म हो पैन अनिवार्यता
रत्न एवं आभूषण उद्योग ने सरकार से आग्रह किया है कि पांच लाख रुपए से कम के आभूषणों की खरीद-फरोख्त पर पैन कार्ड के उल्लेख की अनिवार्यता नहीं होनी चाहिए.
![]() खत्म हो पैन अनिवार्यता (फाइल फोटो) |
वर्ष 2016 में भारी उठापटक के दौर से गुजर चुके रत्न एवं आभूषण उद्योग ने सरकार से आग्रह किया है कि पांच लाख रुपए से कम के आभूषणों की खरीद-फरोख्त पर स्थायी खाता संख्या (पैन) कार्ड के उल्लेख की अनिवार्यता नहीं होनी चाहिए. उद्योग ने कहा है कि 2017-18 के बजट में सोने पर आयात शुल्क भी घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया जाना चाहिए.
अखिल भारतीय रत्न और आभूषण व्यापार महासंघ (जीजेएफ) ने वित्त मंत्री को सौंपे बजटपूर्व ज्ञापन में कहा है कि पांच लाख रुपए से कम के आभूषणों की खरीद-फरोख्त में पैन कार्ड का उल्लेख करने की अनिवार्यता नहीं होनी चाहिए. पांच लाख अथवा इससे अधिक की खरीद-फरोख्त पर ही पैन कार्ड का उल्लेख किया जाना जरूरी होना चाहिए.
महासंघ के चेयरमैन नितिन खंडेलवाल ने कहा, ‘आभूषणों की दो लाख रुपए अथवा उससे अधिक की खरीद-फरोख्त पर पैन कार्ड उल्लेख अनिवार्य किए जाने से उद्योग के समक्ष गंभीर संकट खड़ा हुआ है.
रत्न एवं आभूषण का संगठित उद्योग जो कि हर साल दो प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है इस नियम की वजह से सीधे प्रभावित हुआ है. हम सरकार से निवेदन करते हैं कि इस सीमा को पहले की तरह बढ़ाकर पांच लाख अथवा उससे अधिक की खरीद फरोख्त पर रखा जाए.’
महासंघ ने यह भी कहा है कि सोने के आयात पर आयात शुल्क को मौजूदा 10 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘सोने पर 10 प्रतिशत के ऊंचे आयात शुल्क से उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. इसकी वजह से एक समानांतर अर्थव्यवस्था खड़ी हो रही है और सोने की तस्करी बढ़ रही है. इसका घरेलू खुदरा और विनिर्माण उद्योग पर भी बुरा असर पड़ रहा है. आयात शुल्क को घटाकर पांच प्रतिशत पर लाने से दो नंबर के बाजार की तरफ रख कम होगा.’
जीजेएफ ने वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के तहत रत्न एवं आभूषण क्षेत्र के लिए 1.25 प्रतिशत की दर रखे जाने की सिफारिश की है. इस दर पर जीएसटी लगाने से उद्योग संगठित क्षेत्र की तरफ बढ़ेगा और अनुपालन भी बढ़ेगा.
खंडेलवाल ने यह भी कहा कि आभूषण विक्रेताओं को भी उनकी दुकानों पर अशोक चक्र वाले सोने के सिक्के बेचने की अनुमति दी जानी चाहिए. अशोक चक्र वाले सोने के सिक्के की शुरुआत प्रधानमंत्री ने की है. उन्होंने कहा कि ऐसा करने से इन सिक्कों को दूर दराज इलाकों तक पहुंचाया जा सकेगा और उनकी बिक्री भी बढ़ेगी.
इस बीच विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) ने कहा है कि नोटबंदी की वजह से भारत में सोने की मांग अल्पकाल के लिए प्रभावित हुई है लेकिन दीर्घकालिक संभावनाएं बेहतर बनीं हुई है. वर्ष 2020 तक सोने की औसत खपत 850 से 950 टन सालाना के दायरे में रहेगी.
- घरेलू रत्न एवं आभूषण उद्योग ने सरकार से किया आग्रह
- मौजूदा समय में दो लाख तक की खरीद पर अनिवार्य है पैन
- सोना आयात पर शुल्क दस से घटाकर पांच फीसद करने का सुझाव
- सोने की खरीद पर पैन की अनिवार्यता से प्रभावित हुआ है उद्योग
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