मतदाता सूची से संबंधित गलत सूचना फैलाने के आरोप में चुनाव विशेषज्ञ संजय कुमार को सुप्रीम कोर्ट ने प्रदान किया गिरफ्तारी से संरक्षण
उच्चतम न्यायालय ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए महाराष्ट्र में मतदाता सूची से संबंधित गलत सूचना फैलाने के आरोप में चुनाव विशेषज्ञ संजय कुमार के खिलाफ दायर निर्वाचन आयोग की दो प्राथमिकी में उन्हें गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया है।
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प्रधान न्यायाधीश बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति एन. वी. अंजारिया की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा और वकील सुमीर सोढ़ी की दलीलों पर गौर किया कि चुनाव विश्लेषक द्वारा सार्वजनिक रूप से माफी मांगे जाने के बावजूद प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘नोटिस जारी करें। इस बीच, कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।’’
विकासशील समाज अध्ययन केंद्र (सीएसडीएस) में लोकनीति के सह-निदेशक कुमार ने महाराष्ट्र में अपने खिलाफ दर्ज दो प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया है।
प्राथमिकी में उन पर सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट के जरिए महाराष्ट्र की मतदाता सूची से संबंधित गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया गया है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि ये प्राथमिकी कानून का दुरुपयोग हैं और एक शिक्षाविद को (निर्वाचन आयोग की) वास्तविक गलती के लिए परेशान करने का प्रयास है।
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