Vice President Election: विपक्ष के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी पर अमित शाह की टिप्पणी की पूर्व जजों ने की निंदा

Last Updated 25 Aug 2025 04:25:36 PM IST

सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के एक समूह ने सलवा जुडूम फैसले को लेकर विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी पर गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ करार दिया।


उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश कुरियन जोसेफ, मदन बी लोकुर और जे चेलमेश्वर सहित 18 सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के समूह ने यह भी कहा कि एक उच्च राजनीतिक पदाधिकारी द्वारा शीर्ष अदालत के फैसले की ‘‘पूर्वाग्रहपूर्ण गलत व्याख्या’’ से न्यायाधीशों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है।

न्यायाधीशों के बयान का हवाला देते हुए कांग्रेस ने गृह मंत्री की आलोचना की और कहा कि भारत में अब भी ऐसे लोग हैं जो उन्हें चुनौती देने का साहस रखते हैं।

शाह ने उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश रेड्डी पर नक्सलवाद का ‘‘समर्थन’’ करने का आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया था कि अगर सलवा जुडूम पर फैसला नहीं आता, तो वामपंथी उग्रवाद 2020 तक ही खत्म हो गया होता।

इन न्यायाधीशों द्वारा हस्ताक्षरित बयान में कहा गया, ‘‘सलवा जुडूम मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले की सार्वजनिक रूप से गलत व्याख्या करने वाला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। यह फैसला न तो स्पष्ट रूप से और न ही लिखित निहितार्थों के माध्यम से नक्सलवाद या उसकी विचारधारा का समर्थन करता है।’’

बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ए के पटनायक, अभय ओका, गोपाल गौड़ा, विक्रमजीत सेन, कुरियन जोसेफ, मदन बी लोकुर और जे चेलमेश्वर शामिल हैं।उन्होंने कहा, "किसी उच्च राजनीतिक पदाधिकारी द्वारा उच्चतम न्यायालय के किसी फैसले की पूर्वाग्रहपूर्ण गलत व्याख्या से सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को नुकसान पहुंच सकता है।’’

कांग्रेस महासचिव और संचार मामलों के प्रभारी जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ हमारे देश के लिए यह बड़ी दुर्भाग्य की बात है कि जो केंद्रीय गृहमंत्री हैं, वे ‘टू-इन-वन डब्ल्यूएमडी’ हैं -एक ओर दुष्प्रचार का हथियार और दूसरी ओर भ्रामक तोड़-मरोड़ का हथियार। लेकिन भारत में अब भी ऐसे साहसी लोग हैं जो उन्हें बेनकाब करने का साहस रखते हैं।’’

उन्होंने कहा कि भारत की 20 सबसे प्रतिष्ठित न्यायिक हस्तियों ने, जिनमें उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश, उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश शामिल हैं, अब न्यायमूर्ति सुदर्शन रेड्डी के बारे में उनके "झूठ को उजागर" कर दिया है।

भाजपा नेता शाह ने शुक्रवार को केरल में कहा था, ‘‘ सुदर्शन रेड्डी वही व्यक्ति हैं जिन्होंने नक्सलवाद की मदद की। उन्होंने सलवा जुडूम पर फैसला सुनाया। अगर सलवा जुडूम पर फैसला नहीं सुनाया गया होता, तो नक्सली चरमपंथ 2020 में ही खत्म हो गया होता।’’

रेड्डी ने शनिवार को कहा कि वह गृह मंत्री के साथ मुद्दों पर बहस नहीं करना चाहते। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यह फैसला उनका नहीं, बल्कि उच्चतम न्यायालय का है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर शाह ने पूरा फैसला पढ़ा होता तो वह यह टिप्पणी नहीं करते।
 

भाषा
नई दिल्ली


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