CM मान का आरोप- 55 लाख पंजाबियों का मुफ्त राशन बंद कराने की साजिश कर रहा केंद्र
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत सरकार पर राज्य के 55 लाख लोगों का मुफ्त राशन बंद करने की “साज़िश रचने” का आरोप लगाया और कहा कि वह लोगों का हक नहीं छिनने देंगे।
![]() पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान |
मुख्यमंत्री ने पंजाब की जनता को संबोधित एक लिखित संदेश में दावा किया कि केंद्र सरकार ने आदेश जारी किया है कि राज्य के 55 लाख लोगों को मिलने वाला मुफ्त राशन बंद कर दिया जाएगा।
यह बीते एक सप्ताह में दूसरी बार है जब मुख्यमंत्री मान ने केंद्र पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत दिया जाने वाला लोगों का राशन बंद करने का आरोप लगाया है।
हालांकि, केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि पंजाब सरकार “झूठ फैलाने की कोशिश” कर रही है।
मुख्यमंत्री मान ने सोमवार को फिर आरोप लगाया, “भाजपा सरकार ने फैसला किया है कि पंजाब के 55 लाख लोगों का राशन बंद कर दिया जाएगा। आपका नाम भी उस सूची में है। अब तक राज्य में 1.53 करोड़ लोगों को राशन मिल रहा था, लेकिन भाजपा सरकार ने इसमें से 55 लाख लोगों की सुविधा समाप्त करने का निर्णय लिया है।”उन्होंने कहा, “हर तीन में से एक गरीब परिवार को राशन से वंचित किया जा रहा है। यह केवल एक सरकारी निर्णय नहीं है, यह गरीबों, मज़दूरों, किसानों और आम परिवारों की थाली पर सीधा हमला है।”
मान ने दावा किया कि केंद्र सरकार ने जुलाई से अब तक 23 लाख गरीब लोगों का राशन यह कहकर बंद कर दिया है कि उन्होंने ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं की।उन्होंने आगे कहा, “भाजपा अब सितंबर से 32 लाख और पंजाबियों का राशन यह कहकर बंद करने वाली है कि ये लोग गरीब नहीं हैं। इस तरह कुल 55 लाख लोगों का राशन बंद करने की योजना है।”
मुख्यमंत्री ने सवाल किया, “हम पंजाब वाले अन्न उगाकर पूरे देश को खिलाते हैं और आज वही केंद्र सरकार हमारी थाली से निवाला छीनने पर आमादा है। क्या यह न्यायसंगत है?”
मान ने केंद्र द्वारा तय की गई पात्रता पर भी सवाल उठाते हुए कहा, “भाजपा का कहना है कि इनमें से कुछ लोगों के पास कार है, कुछ आयकर भरते हैं, कुछ के पास ढाई एकड़ से ज़्यादा ज़मीन है या किसी परिवार में कोई नौकरी करता है — तो ये लोग गरीब नहीं हैं। लेकिन क्या एक घर में कोई काम करता हो या गाड़ी हो, तो पूरा परिवार अमीर हो जाता है? क्या पूरे परिवार का राशन कार्ड काटना सही है?”
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में वातानुकूलित कमरों में बैठकर गांवों के गरीबों की थाली का हिसाब रखा जा रहा है, जबकि पंजाब सरकार को वास्तविक स्थिति जानने का मौका तक नहीं दिया गया।उन्होंने कहा, “बिना सही जांच के राशन कार्ड काटने का आदेश यह साफ करता है कि भाजपा किसी न किसी बहाने पंजाब से बदला लेना चाहती है।”उन्होंने लोगों से कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है, “आपका भाई भगवंत मान आपके साथ खड़ा है।”
मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि किसी का राशन कार्ड रद्द नहीं होगा। उन्होंने कहा, “हम पहले ही 1.29 करोड़ लाभार्थियों का सत्यापन कर चुके हैं, बाकी कार्य भी छह महीने में पूरा कर लिया जाएगा।”
मान ने बताया कि उन्होंने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से समय मांगा है और कहा कि राज्य सरकार की टीम घर-घर जाकर परिवारों की स्थिति का पता लगाएगी। उन्होंने कहा, “यह केवल राशन की लड़ाई नहीं, पंजाबियों के अधिकार और सम्मान की लड़ाई है।”
मुख्यमंत्री ने भाजपा पर पंजाब के खिलाफ खुलेआम ज़्यादती करने का आरोप लगाते हुए कहा, “अगर भाजपा का कोई नेता आपके गांव या घर आता है, तो उन्हें साफ बता दें कि पंजाबी किसी भी हाल में दादागिरी सहन नहीं करेंगे।”उन्होंने शनिवार को दावा किया था कि केंद्र से एक रिपोर्ट मिली है, जिसमें कहा गया है कि पंजाब के 8,02,493 राशन कार्ड धारकों को अपात्र मानते हुए हटाया जाए।
इसके जवाब में रविवार को केंद्र सरकार ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पंजाब में किसी भी पात्र लाभार्थी का नाम हटाया नहीं गया है, और न ही खाद्यान्न कोटा घटाया गया है।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने दिल्ली में कहा था कि पंजाब में 1.41 करोड़ गरीब लोग राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत खाद्यान्न पाने के हकदार हैं और केंद्र इन सभी को राशन उपलब्ध करा रहा है।
जोशी ने बताया कि अप्रैल 2023 में केंद्र ने सभी राज्यों से कहा था कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून लाभार्थियों की ई-केवाईसी पूरी की जाए। इसकी समय-सीमा जून 2025 है और पंजाब सरकार ने अब तक 90 प्रतिशत लाभार्थियों की ई-केवाईसी पूरी कर ली है।उन्होंने कहा था कि 10 लाख से अधिक लाभार्थी संदिग्ध हैं, जिसका मतलब है कि खाद्यान्न की कालाबाज़ारी की जा रही है।
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