कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की विदेश नीति को 'दोषपूर्ण' बताते हुए कहा कि इसने भारत के चारों ओर दुश्मन पैदा कर दिए हैं।
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खरगे ने यहां 'सामाजिक न्याय समारा भेरी' को संबोधित करते हुए भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को संविधान की प्रस्तावना से 'समाजवादी' और 'पंथनिरपेक्ष' शब्दों को हटाने की चुनौती दी।
खरगे ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी दुनिया के 42 देशों की यात्रा कर चुके हैं, लेकिन अब तक उन्होंने मणिपुर का दौरा नहीं किया है, जहां लोग मर रहे हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, "उनकी विदेश नीति अच्छी नहीं है, जिसकी वजह से हमारे चारों तरफ दुश्मन बन गए हैं। एक तरफ चीन है, तो दूसरी तरफ पाकिस्तान। आज नेपाल भी हमसे दूर होता जा रहा है। हर कोई हमसे दूर हो रहा है।"
हाल ही में, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी एक पत्रिका में प्रकाशित लेख में कहा गया कि सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने संविधान की प्रस्तावना में शामिल 'समाजवादी' और 'पंथनिरपेक्ष' शब्दों की समीक्षा का आह्वान संविधान को खत्म करने के लिए नहीं, बल्कि कांग्रेस की आपातकालीन युग की नीतियों की 'विकृतियों' से मुक्त होकर इसकी 'मूल भावना' को बहाल करने के लिए किया था।
खरगे ने होसबाले के आह्वान पर कहा, “मैंने सुना है कि आरएसएस के लोग कह रहे हैं कि वे संविधान से समाजवादी और पंथनिरपेक्ष शब्द हटा देंगे। मैं आपको या आपकी भाजपा या (अमित) शाह को चुनौती देता हूं। कोई भी इन्हें नहीं हटा सकता, हिम्मत है तो हटाकर दिखाओ।”
उन्होंने मोदी पर पिछले 11 वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था को "चौपट" करने और संविधान को "तहस-नहस" करने का आरोप लगाया।
खरगे ने कहा कि कांग्रेस मोदी को सबक सिखाकर रहेगी।
उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से पार्टी को मजबूत करने का आग्रह किया ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह केंद्र में सत्ता में लौटे और देश की दिशा बदल दे।
प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि मोदी दूसरे देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को गले लगाते हैं, लेकिन अपने देश के आम लोगों और किसानों को नजरअंदाज करते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा, "अगर कोई मोदी को टोपी या पदक दे, तो वह उसे पहनकर घूमेंगे।"
खरगे ने कहा कि मोदी को भारतीय किसानों और लोगों की चिंता करनी चाहिए। उन्होंने कहा, "मोदी जी, आप कहां हैं? वह आठ देशों का दौरा कर रहे हैं, लेकिन अपने देश के लोगों की ओर नहीं देख रहे। वह इस देश के किसानों की ओर नहीं देख रहे।"
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