Israel-Iran War: सिर्फ भारत के लिए खुला ईरानी एयरस्पेस, 1000 भारतीयों की सकुशल वापसी के लिए हवाई क्षेत्र पाबंदी में मिली छूट

Last Updated 21 Jun 2025 09:05:31 AM IST

Israel-Iran War: ईरान ने एक खास कदम उठाते हुए ईरानी शहर मशहद से लगभग 1,000 भारतीय नागरिकों, जिनमें अधिकतर छात्रों को निकालने के वास्ते तीन विशेष उड़ानों के लिए हवाई क्षेत्र प्रतिबंध हटा दिए हैं।


ईरानी दूतावास में मिशन के उप प्रमुख मोहम्मद जावेद हुसैनी ने कहा कि यदि आवश्यकता हुई तो भारतीयों को वापस लाने के लिए आने वाले दिनों में और अधिक निकासी उड़ानें संचालित की जा सकती हैं।

ईरान की राजधानी पर इस्राइली हमलों के बाद भारतीय नागरिकों को तेहरान से मशहद शहर ले जाया गया। निकासी उड़ानों का संचालन ईरानी एयरलाइन द्वारा किया जाएगा, जिसका प्रबंध भारत कर रहा है।

ईरान-इस्राइल के बीच संघर्ष से उत्पन्न अनिश्चित सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर भारत ने ईरान और इस्राइल से अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए बुधवार को ‘ऑपरेशन सिंधु’ शुरू किया। हुसैनी ने प्रेसवार्ता में कहा, हम भारतीयों को अपना ही मानते हैं। 

ईरान में सत्ता परिवर्तन ’अकल्पनीय‘ : रूस

रूस ने ईरान में सत्ता  परिवर्तन की किसी भी संभावित बातचीत का समर्थन करने से इनकार करने के साथ ही ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की हत्या के प्रयासों को  ‘अस्वीकार्य’ बताया है।

पेसकोव ने कहा, ‘यह अकल्पनीय है, और इस बारे में बात करना भी सभी के लिए अस्वीकार्य होना चाहिए।’

उन्होंने कहा, स्थिति अत्यंत तनावपूर्ण है और यह न उस केवल क्षेत्र के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए खतरनाक है।’

उन्होंने कहा कि कोई भी अतिरिक्त भागीदार तनाव को और बढ़ाएगा, जो कि वा¨शगटन द्वारा इस्राइल को प्रत्यक्ष सैन्य सहायता प्रदान करने की संभावनाओं का परोक्ष संदर्भ में  था।

हालांकि पेसकोव ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की कि खामेनेई की हत्या होने पर रूस क्या कार्रवाई करेगा, इसके बजाय उन्होंने कहा कि यह ‘ईरान के  अंदर से’ कार्रवाई को बढ़ावा देगा।

ईरान पर कार्रवाई का फैसला दो हफ्ते में : व्हाइट हाउस

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले दो सप्ताह में ईरान पर हमला करने का आदेश देंगे या नहीं, इस पर फैसला करेंगे।

लेविट ने गुरुवार को ट्रंप की ओर से बयान पढ़ा, जिसमें उन्होंने इस अटकलों का जवाब दिया कि क्या अमेरिका सीधे ईरान और इस्राइल के बीच संघर्ष में शामिल होगा। 

लेविट ने कहा, अगर ईरान के साथ कोई राजनयिक समझौता होता है, तो ईरान को यूरेनियम संवर्धन पर सहमत होना होगा और उसे परमाणु हथियार बनाने की अनुमति नहीं होगी। लेविट ने बताया कि अमेरिका और ईरान के बीच बातचीत जारी है।

शिन्हुआ ने बताया कि 13 जून को इस्राइल के ईरान पर हमलों के बाद से अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ और ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कई बार फोन पर बात की है ताकि इस संकट का राजनयिक समाधान निकाला जा सके।

एजेंसियां
नई दिल्ली/मास्को/न्यूयॉर्क


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