पाकिस्तान टीम के डायरेक्टर की बचकानी दलील, डीजे की वजह से हुई पाकिस्तान की हार

Last Updated 15 Oct 2023 01:04:47 PM IST

भारत के लोग अगर इंडिया की जीत पर खुशियां मना रहे हैं तो उन्हें खुश नहीं होना चाहिए, क्योंकि पाकिस्तान की जो हार हुई है, वह इंडिया के बैटर और बॉलरों के बढ़िया प्रदर्शन की वजह से नहीं हुई है।


Mickey Arthur Pakistan Cricket Team Director

उनकी हार की वजह दूसरी है। पाकिस्तान की हार हुई है, स्टेडियम के अंदर बज रहे हैं डीजे की वजह से। पाकिस्तान की हार हुई है, उन गानों की वजह से जो गाने स्टेडियम के अंदर बजाए जा रहे थे। यह सुनकर हो सकता है कि आप लोगों को आश्चर्य हो रहा हो और शायद बहुत से हमारे पाठक यह  सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है। खैर हम भी यही  सोच रहे हैं कि कोई टीम डीजे की वजह कैसे हार सकती है।

लेकिन पाकिस्तान क्रिकेट टीम के डायरेक्टर मिकी आर्थर ने तो हार का ठीकरा डीजे पर फोड़ दिया है। उन्होंने मैच की समाप्ति के बाद मीडिया से बात करते हुए यहां तक कह दिया कि यह आईसीसी का टूर्नामेंट नहीं है बल्कि बीसीसीआई का एक इवेंट है। एक कहावत है।'खिंसियानी बिल्ली खंभा नोचे' आर्थर ने उस कहावत को चरितार्थ कर दिया है। अब आर्थर को कौन समझाए कि भारत में आईपीएल जैसा दुनिया का सबसे बड़ा टूर्नामेंट होता है।

जिसमें डीजे के साथ-साथ लड़कियां और लड़के डांस भी  करते हैं बावजूद इसके कोई भी खिलाड़ी उनके डांस या स्टेडियम में बज रहे हैं गानों से विचलित नहीं होता है। बल्कि हर खिलाड़ी बेहतर से बेहतर प्रदर्शन करने की फिराक में लगा रहता है। ऐसा नहीं कि आईपीएल टूर्नामेंट में सिर्फ भारत के खिलाड़ी खेलते हैं, बल्कि दुनिया भर की टीमों के खिलाड़ी इसमें भाग लेते हैं लेकिन किसी का भी ध्यान नहीं भटकता।

अफ़सोस की बात यह है कि अहमदाबाद में हुए इंडिया-पाकिस्तान के मैच में पाकिस्तान के खिलाड़ियों का ध्यान भटक गया। स्टेडियम में बज रहे डीजे की आवाज में उनकी प्रतिभा और उनकी क्षमता कहीं खो सी गई। मिकी आर्थर यह कतई मानने  को तैयार नहीं है कि उनकी टीम का लचर प्रदर्शन ही पाकिस्तान की हार की वजह बनी।

खैर पाकिस्तान की हार के बाद, टीम मानसिक दबाव से गुजर रही होगी। पाकिस्तान के क्रिकेट प्रेमी नाराज हैं। वह खिलाड़ियों पर तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं। ऐसे में संभव है कि उन आरोपों से बचने के लिए ऑर्थर ने सगुफ़ा छोड़कर पाकिस्तान क्रिकेट प्रेमियों की नाराज़गी को दूर करने की कोशिश की हो, लेकिन बेहतर यह होता कि आर्थर साहब  अपनी टीम को संभालें और उन्हें आगे के मैचों में बढ़िया खेलने के लिए प्रेरित करें, जिसके लिए वो रखे गए हैं।

 

शंकर जी विश्वकर्मा
नई दिल्ली


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