UCC पर BJP के जाल में नहीं फंसेगी कांग्रेस!
कांग्रेस समान नागरिक संहिता (UCC) पर सरकार और भाजपा के जाल में नहीं फंसेगी। पार्टी समान नागरिक संहिता के खिलाफ नहीं दिखेगी,बस वह यही कहेगी सरकार पूरा विवरण सामने रखे।
![]() कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश |
कांग्रेस (Congress) चाहती है कि विपक्ष का इस मामले में स्टैंड एक जैसा हो ताकि सरकार पर इसे टालने के लिए अपेक्षित दबाव बनाया जा सके। फिलहाल कांग्रेस इस मुद्दे की काट के लिए मणिपुर मुद्दे (Manipur Issue) को जरूरी बताएगी। पार्टी चाहती है कि पूरा विपक्ष संसद के मानसून सत्र (Monsoon Session) में मणिपुर पर चर्चा कराने के लिए सरकार को बाध्य करे।
अगर सरकार इस से पीछे हटेगी तो कांग्रेस विपक्ष को साथ लेकर संसद की कार्यवाही बाधित भी कर सकती है। संसद के मानसून सत्र में पार्टी की रणनीति तय करने के लिए शनिवार को कांग्रेस संसदीय दल की सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के निवास दस जनपथ पर जो बैठक हुई,उसमें भी समान नागरिक संहिता का मुद्दा ही छाया रहा। सोनिया गांधी कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष हैं। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) भी उपस्थित थे।
पार्टी इसी महीने बेंगलुरू में होने वाली विपक्ष की बैठक में भी समान नागरिक संहिता पर चर्चा कराएगी। सोनिया के यहां हुई बैठक में अधिकांश नेताओं ने यही कहा कि सरकार असल मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए ध्रुवीकरण की मंशा से समान नागरिक संहिता से सम्बंधित विधेयक लाने की बात कर रही है।
इस क्रम में उत्तराखंड की सरकार के मसौदे पर भी चर्चा हुई और कहा गया है कि इसमें तमाम खामियां हैं। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि समान नागरिक संहिता का स्वरूप क्या होगा इसकी जानकारी दिए बिना सरकार और भाजपा यह प्रचारित कर रही है कि बस अब इसे लागू ही किया जाने वाला है।
बैठक में कुछ नेताओं ने यह भी कहा कि सरकार आगामी चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में इसका फायदा उठाना चाहती है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने पूछे जाने पर कहा कि पार्टी का इस मामले में कोई नया स्टैंड नहीं है। पिछले दिनों जयराम रमेश ने पार्टी की तरफ से यह बयान दिया था कि विधि आयोग ने 2018 में समान नागरिक संहिता के विषय में कहा था कि यह न तो आवश्यक है और न वांछनीय। उन्होंने यह भी कहा था कि यह अजीब है कि विधि आयोग नए तरीके से इस विषय पर राय लेने की बात कर रहा है।
कांग्रेस नेता ने तब यह भी कहा था कि विधि आयोग ने इसका कोई कारण नहीं बताया है कि अब इस विषय पर विचार करना उसे क्यों आवश्यक लग रहा है। पार्टी जान रही है कि यह मुद्दा बेहद संवेदनशील है और इसके जरिए भाजपा पार्टी (कांग्रेस) को मुस्लिम परस्त दिखाना चाहती है। यही वजह है कि पार्टी इस मामले में असल मुद्दे पर कोई बात नहीं कर रही है।
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