FYUP के नए नियम घोषित, JNU आयोजित करेगा PHD प्रवेश परीक्षा
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रमों के लिए नए नियमों की घोषणा कर दी है।
![]() एफवाईयूपी के नए नियम घोषित, जेएनयू आयोजित करेगा पीएचडी प्रवेश परीक्षा |
आयोग ने चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रमों के लिए करिकुलम और क्रेडिट ढांचे के लिए नियम बनाए हैं। यूजीसी चेयरमैन एम जगदीश कुमार कहा कि एनईपी की सिफारिशों पर विचार करते हुए यूजीसी ने चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को संशोधित किया है और चार साल के यूजी कार्यक्रमों के लिए एक नया पाठ्यक्रम और क्रेडिट ढांचा विकसित किया है।
सोमवार 12 दिसंबर को 'फोर ईयर अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रम' (FYUP) की रूपरेखा सार्वजनिक की गई। इसके तहत यूजीसी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के प्रावधानों का पालन करते हुए छात्रों को तीन वर्षीय स्नातक डिग्री के साथ-साथ 4 वर्षीय ऑनर्स डिग्री हासिल करने का विकल्प प्रदान किया है। यूजीसी के मुताबिक, छात्रों को रिसर्च स्पेशलाइजेशन के साथ चार वर्षीय स्नातक यूजी ऑनर्स की डिग्री मिलेगी।
यूजीसी चेयरमैन एम जगदीश कुमार के मुताबिक, छात्र 120 क्रेडिट पूरा होने पर तीन वर्षीय यूजी डिग्री और 4 वर्ष में 160 क्रेडिट पूरा करने करने पर एफवाईयूपी ऑनर्स डिग्री हासिल कर सकेंगे। रिसर्च स्पेशलाइजेशन के इच्छुक छात्रों को चार साल के अंडर ग्रेजुएशन पाठ्यक्रम में एक रिसर्च प्रोजेक्ट शुरू करना होगा। इससे उन्हें रिसर्च स्पेशलाइजेशन के साथ साथ ऑनर्स की डिग्री हासिल होगी।
शैक्षणिक सत्र 2023-24 से सभी विश्वविद्यालय 4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों (बीए, बीकॉम, बीएससी) आदि में दाखिला दे सकेंगे। यूजीसी ने 4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के लिए सभी आवश्यक नियम व दिशानिर्देश तैयार किए हैं।
वहीं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मुताबिक, सभी छात्रों के लिए 4 वर्षीय अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रम मुहैया कराया जाएगा लेकिन इस पाठ्यक्रम में दाखिला लेने के लिए छात्रों को बाध्य नहीं किया जाएगा। यदि छात्र चाहें तो वह पहले से चले आ रहे 3 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों को ही जारी रख सकते हैं।
यूजीसी का कहना है कि एफवाईयूपी में छात्रों के पास मल्टीपल एंट्री और एग्जिट जैसे महत्वपूर्ण विकल्प हैं। प्रोफेसर जगदीश कुमार के मुताबिक, विश्वविद्यालयों में पहले से ही दाखिला ले चुके छात्रों को भी 4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों का हिस्सा बनने का अवसर मिलेगा।
वहीं राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी को पीएचडी प्रवेश की जिम्मेदारी आउटसोर्स करने के तीन साल बाद, जेएनयू अगले शैक्षणिक सत्र से पीएचडी प्रवेश के लिए इन-हाउस प्रवेश परीक्षाओं में वापस आ जाएगा। जेएनयू की वीसी संतश्री डी पंडित ने सोमवार को यह जानकारी दी।
| Tweet![]() |