भाजपा के महापौर सम्मेलन में बोले पीएम मोदी, चुनाव केंद्रित सोच से शहरों का भला नहीं किया जा सकता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि चुने हुए जनप्रतिनिधियों की सोच सिर्फ चुनाव को ध्यान में रखते हुए सीमित नहीं होनी चाहिए क्योंकि चुनाव केंद्रित सोच से शहरों का भला नहीं किया जा सकता।
![]() BJP के महापौर सम्मेलन में मोदी |
प्रधानमंत्री गुजरात के गांधीनगर में आयोजित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महापौरों के सम्मेलन को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित कर रहे थे।
शहरों में इमारतों के गिरने और उनमें आग लगने की घटनाओं को चिंता का विषय करार देते हुए उन्होंने कहा कि यदि नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाए तो ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘‘सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’’ का भाजपा का शासन का मॉडल उसे दूसरों से अलग करता है।
उन्होंने अहमदाबाद नगर निगम में सरदार वल्लभ भाई पटेल द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि आज भी राज्य के लोग उनके कार्यों को बहुत सम्मान से याद करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘आपको भी अपने शहरों को उस स्तर पर ले जाना है कि आने वाली पीढ़ियां आपको याद करके कहें कि हां, हमारे शहर में भाजपा के एक महापौर आये थे तब यह काम
सरदार साहब ने जो नगर पालिका में काम किए उसे आज भी बहुत सम्मान से याद किया जाता है। आपको भी अपने शहरों को उस स्तर पर ले जाना है जहां आने वाली पीढ़ियां आपको याद करें: गांधीनगर में राष्ट्रीय महापौरों के सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए PM नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/tz2V9uz2Cj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 20, 2022
हुआ।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि चुने हुए जनप्रतिनिधियों की सोच सिर्फ चुनाव को ध्यान में रखते हुए सीमित नहीं होनी चाहिए क्योंकि चुनाव केंद्रित सोच से शहरों का भला नहीं किया जा सकता।
उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपना एक अनुभव साझा करते हुए कहा कि अगर सही काम किया जाए और जनहित में किया जाए तो लोगों का साथ भी मिलता है।
मोदी ने बताया कि वर्ष 2005 में उन्होंने गुजरात में शहरी विकास वर्ष मनाने का फैसला किया था जिसमें अतिक्रमण हटाया जाना भी शामिल था। उन्होंने बताया कि अगले साल चुनाव होने थे और प्रदेश भाजपा के नेताओं ने उन्हें इसका खामियाजा उठाने को लेकर आगाह किया था लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपने फैसले का वापस नहीं लिया।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कदमों से जनता की नाराजगी सामने आती है लेकिन उनकी पहल को जनता का साथ मिला क्योंकि, ‘‘जनता को जब ईमानदारी दिखती है, भाई-भतीजावाद और बगैर भेद-भाद के काम दिखता है तो वह साथ देती है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में आज शहरों की अवसंरचना पर अभूतपूर्व निवेश हो रहा है। देश में मेट्रो रेल सेवा के विस्तार का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि 2014 तक यह 250 किमी से भी कम था लेकिन आज देश में मेट्रो नेटवर्क 775 किमी से भी ज्यादा का हो चुका है और एक हजार किमी के नए मेट्रो रूट पर काम भी चल रहा है।
उन्होंने कहा कि शहरों में पुरानी इमारतों का गिरना और उनमें आग लगना चिंता का विषय होता है। उन्होंने कहा कि यदि नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाए तो ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘रियल स्टेट सेक्टर को बेहतर और पारदर्शी बनाने का आपका दायित्व ज्यादा है। नियम-कानूनों का पालन सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।’’
प्रधानमंत्री ने महापौरों से अपील की कि वे अपने शहरों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाएं और प्रयास करें कि वह शहर किसी न किसी चीज के लिए अपनी प्रसिद्धि स्थापित करे। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा शहर पर्यटन के लिए आकर्षण का केंद्र बने... मेरे शहर की अपनी एक पहचान बने... इस सोच के साथ काम करना चाहिए।
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