ओवैसी की चेतावनी- अगर CAA-NRC को खत्म नहीं किया तो यूपी की सड़कों को दिल्ली के शाहीन बाग में बदल देंगे

Last Updated 22 Nov 2021 10:29:55 AM IST

कृषि कानूनों की वापसी के बाद अब सीएए कानून को भी वापस लेने की मांग जोर पकड़ने लगी है। एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने चेतावनी दी कि अगर सरकार एनपीआर, और एनआरसी कानून लाएगी तो हम एक और नया 'शाहीन बाग' खड़ा कर देंगे।


CAA-NRC लाए तो यहीं शाहीन बाग खड़ा कर देंगे: ओवैसी (फाइल फोटो)

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मांग की है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) को जल्द से जल्द वापस लिया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सीएए और एनआरसी को खत्म नहीं किया गया, तो प्रदर्शनकारी 'सड़कों पर उतरेंगे और इसे शाहीन बाग में बदल देंगे।'

ओवैसी ने रविवार शाम बाराबंकी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "सीएए संविधान के खिलाफ है। अगर भाजपा सरकार इस कानून को वापस नहीं लेती है, तो हम सड़कों पर उतरेंगे और यहां एक और शाहीन बाग बन जाएगा।"

एआईएमआईएम प्रमुख ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोला।

ओवैसी ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी देश के सबसे बड़े 'नौटंकीबाज' हैं और गलती से उन्होंने राजनीति में प्रवेश कर लिया है, नहीं तो फिल्म उद्योग के लोगों का क्या होता। सभी पुरस्कार मोदी द्वारा जीते जाते।"

उन्होंने कहा, "तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के बाद, प्रधानमंत्री ने कहा था कि उनकी तपस्या में कुछ कमी थी। यह हमें बताता है कि हमारे प्रधानमंत्री कितने बड़े अभिनेता हैं।"

ओवैसी ने कहा कि असली तपस्या किसानों ने अपने विरोध प्रदर्शन में की थी, जिसके दौरान उनमें से लगभग 750 की मौत हो गई थी।

एआईएमआईएम प्रमुख ने दावा किया कि पीएम मोदी ने आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर किसानों को खुश करने के लिए कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा की।

एआईएमआईएम प्रमुख ने मुस्लिम मतदाताओं को एकजुट होने का आह्वान करते हुए कहा, "जब ठाकुर, ब्राह्मण, यादव, कुर्मी एकजुट होकर मजबूत हो सकते हैं, तो आप क्यों नहीं?"

उन्होंने आगे भाजपा सरकार पर प्रहार किया और उन्हें मुस्लिम समुदाय के पिछड़ेपन और बेरोजगारी के लिए जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने कहा, "आज यूपी में अंसारी समुदाय और कुरैशी समुदाय बर्बादी के कगार पर हैं। सरकार ने उन्हें बेरोजगार छोड़ दिया है। कुरैशी समुदाय की मांस की दुकानों पर ताला लगा दिया गया। बूचड़खाने बंद हो गए हैं। बुनकरों की आय कम हो गई है। सरकार सिर्फ दिखावा कर रही है। इस समाज के लिए कोई काम नहीं किया गया है।"

आईएएनएस
बाराबंकी (उत्तर प्रदेश)


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