जम्मू-कश्मीर में 'व्हाइट कॉलर' आतंकवाद की अनुमति नहीं दी जाएगी : सेना

Last Updated 16 Nov 2021 06:44:48 PM IST

भारतीय सेना ने मंगलवार को कहा कि सुरक्षा बल किसी को भी 'व्हाइट कॉलर' या सफेदपोश आतंकवाद के तौर पर काम करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। श्रीनगर मुख्यालय 15 कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल डी. पी. पांडे ने कहा, "जम्मू-कश्मीर में सफेदपोश आतंकवाद को पनपने नहीं देंगे।"


श्रीनगर मुख्यालय 15 कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल डी. पी. पांडे

लेफ्टिनेंट जनरल डी. पी. पांडे ने कहा, "डॉ. मुदासिर एक फर्जी अनधिकृत कॉल सेंटर चला रहा था और वह एक ऐसा ही सफेदपोश आतंकवादी था।"

उन्होंने आगे कहा, "जो लोग कश्मीर में आतंकवाद की भर्ती और फंडिंग (पैसा, हैसियत, अपने परिवारों और बच्चों के लिए अच्छी नौकरी) के पीछे काम करते हैं, उनसे हमारे लोगों को सवाल पूछने चाहिए।"

जीओसी सोमवार को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ पर टिप्पणी कर रहे थे।

इस मुठभेड़ में एक विदेशी आतंकवादी हैदर, जम्मू संभाग के रामबन जिले का उसका स्थानीय सहयोगी, जिस इमारत में मुठभेड़ हुई उसके मालिक अल्ताफ अहमद और शीर्ष मंजिल पर किराए पर रहने वाले डॉ. मुदासिर सहित चार लोग मारे गए।

आईजीपी कश्मीर, विजय कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि डॉ. मुदासिर एक आतंकी मॉड्यूल चला रहा था और उसने मारे गए आतंकवादियों को अपने किराए के स्थान पर आश्रय दिया था।

कुमार ने कहा कि मुदासिर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए दक्षिण कश्मीर के इलाकों से आतंकवादियों को श्रीनगर लेकर जाता था।

उन्होंने कहा कि श्रीनगर के नवाकदल इलाके में दो दिन पहले गोली लगने से घायल पुलिसकर्मी पर विदेशी आतंकवादी ने हमला किया था, जिसे बाद में मुदासिर ने अपनी कार में सुरक्षित निकाल लिया।

बता दें कि जम्मू कश्मीर पुलिस और सेना साइबर आतंकवादियों पर नकेल कस रही है, जिन्हें सफेदपोश जिहादियों के रूप में भी जाना जाता है। पुलिस तथा सेना की नजरों में वे सबसे बुरे किस्म के आतंकवादी हैं, जो गुमनाम रहते हैं। लेकिन वे युवाओं की सोच को प्रभावित कर बड़े नुकसान का कारण बनते हैं।

आईएएनएस
श्रीनगर


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