जम्मू-कश्मीर में चलेगा आतंक विरोधी अभियान
कश्मीर में नागरिकों पर हो रहे हमलों को प्रभावी ढंग से रोकने के लिए केंद्रीय पुलिस एजेंसियों का एक विशेष समूह अब भारतीय सेना और राज्य पुलिस के साथ समन्वय में आतंकवाद विरोधी अभियानों का नेतृत्व करेगा।
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नागरिकों की हत्याओं के मुद्दे पर गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
सूत्रों ने बताया कि इस समूह में खुफिया एजेंसी, राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी और केंद्रीय सुरक्षा बलों के अधिकारी शामिल होंगे जिन्होंने पिछले 16 दिनों में 11 नागरिकों की हत्या करने वाले आतंकवादियों को पकड़ने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक यह टीम स्थानीय युवकों के खिलाफ पहले दर्ज की गई सभी एफआईआर की जांच करेगी।
विशेष सुरक्षा समूह में शामिल अधिकारी पथराव करने वाले, जमीनी कार्यकर्ताओं या स्थानीय कश्मीरियों के उनसमूहों की भी निगारनी करेंगे, जिनके आतंकी कैडरों या उनके प्रति सहानुभूति रखने वालों के साथ संबंध हैं।
इन हत्याओं की खुफिया जानकारी और प्रारंभिक पूछताछ से पता चला है कि इन घटनाओं को लोन वुल्फ हमले (भेड़िए की तरह अकेले ही छिपकर हमला करने की रणनीति) के तरीके से अंजाम दिया गया है।
इसलिए टीम उन युवकों के विवरण को स्कैन करेगी, जिन्हें अतीत में पथराव की घटनाओं में माफ कर दिया गया था।
वर्ष 2014-2018 के दौरान, 4,000 से अधिक युवाओं, जो पथराव के मामलों में पहली बार अपराधी थे, को जम्मू-कश्मीर सरकार ने माफ कर दिया था।
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