अवैध कब्जे के आरोप में फंसे फारूक और उमर

Last Updated 25 Nov 2020 06:44:51 AM IST

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला का नाम एक सूची में शामिल कर आरोप लगाया है कि जम्मू में उनका रिहायशी आवास गैरकानूनी तरीके हासिल भूमि पर बनाया गया।


अवैध कब्जे के आरोप में फंसे फारूक और उमर

फारूक और उमर दोनों ने इन आरोपों से इनकार किया है।

जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के आदेश के बाद केंद्रशासित क्षेत्र के प्रशासन ने विवादित रोशनी भूमि योजना के तहत जमीन हासिल करने वालों की सूची सार्वजनिक की है। प्रशासन ने मंगलवार को ऐसे लोगों की एक सूची जारी की, जिन्होंने दूसरों को दी गई जमीन पर कथित तौर पर अतिक्रमण किया।

सूची में उल्लेख किया गया है कि विवादित रोशनी कानून के तहत नेशनल कॉन्फ्रेंस के श्रीनगर और जम्मू के मुख्यालयों को भी वैध बनाया गया। अपनी वेबसाइट पर सूची को प्रदर्शित करते हुए जम्मू प्रशासन ने खुलासा किया है कि सुजवां में करीब एक एकड़ क्षेत्र में बना फारूक और उमर का आवास अतिक्रमण वाली सरकारी जमीन पर है। राजस्व रिकॉर्ड में तो इसे नहीं दिखाया गया लेकिन इस पर अतिक्रमण किया गया।

नई सूची पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा, सूत्रों के आधार पर खबर आई है कि डा. फारूक अब्दुल्ला रोशनी कानून के लाभार्थी हैं। यह बिल्कुल झूठी खबर है और गलत मंशा से इस खबर का प्रसार किया जा रहा।

जम्मू और श्रीनगर में बने उनके मकानों का उक्त कानून से कोई लेना-देना नहीं है। उमर ने कहा, फारूक अब्दुल्ला ने श्रीनगर या जम्मू में अपने आवास के लिए रोशनी योजना का लाभ नहीं उठाया और जो भी ऐसा कह रहा है वह झूठ बोल रहा है।

भाषा
जम्मू


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment