चीन को पीछे हटना ही होगा, एलएसी विवाद पर हुई लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत में भारत की दो टूक
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी और पैंगोंग लेक को लेकर चीन के साथ चल रहे विवाद को दूर करने के लिए सोमवार को फिर लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत हुई।
![]() 14 कॉर्प्स के कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरेंद्र सिंह |
इसमें भारत का पक्ष था कि चीन को चार मई से पहले की स्थिति कायम करनी होगी। उसे पैंगोंग लेक के फिंगर 8 से पीछे हटना होगा और गलवान घाटी के पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 से दूर जाना होगा। चीन पैंगोंग लेक पर किए गए कब्जे को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है।
यह बैठक 11 घंटे चली। चीन पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। मसले पर भारत-चीन के बीच फिर जल्द बैठक होगी। तनाव के मद्देनजर तैयारियों का जायजा लेने के लिए थल सेना अध्यक्ष एमएम नरवणे इसी हफ्ते लेह का दौरा करेंगे। इससे पहले जनरल नरवणे लेह जाकर 14 कॉर्प्स का निरीक्षण कर चुके हैं। वायुसेना अध्यक्ष आरकेएस भदौरिया भी लेह का हवाई सेना की तैयारियों का जायजा ले चुके हैं। चीन के साथ कोर कमांडर स्तर की यह दूसरी बैठक है।
गत 15 और 16 जून की खूनी संघर्ष की रात के बाद लेफ्टिनेंट जनरल की यह महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक करीब आठ घंटे लंबी चली। यह बैठक चीनी कब्जे वाले चुशूल के मोल्डी में हुई। थल सेना सूत्रों के अनुसार बैठक में 14 कॉर्प्स के कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरेंद्र सिंह ने भारत का पक्ष मजबूती से रखा और कहा कि चीनी सेना को गलवान घाटी के पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 से दूर हटना होगा और पैंगोंग लेक के फिंगर आठ से पीछे जाना होगा। चूंकि चीनी सेना भी इस क्षेत्र पर अपना दावा करती है इसलिए वह पीछे हटने को तैयार नहीं है।
नाकुला र्दे से भी चीनी सैनिकों को खदेड़ा
भारतीय सेना ने सिक्किम के नाकुला र्दे में चीनी सेना की घुसपैठ को नाकाम कर दिया। सोशल मीडिया के जरिए एक वीडियो प्रसारित किया गया है, जिसमें चीनी सेना और भारतीय सेना के बीच धक्का-मुक्की हुई है। यह वीडियो मई के महीने का है।
भारतीय सेना ने मजबूती से चीनी सैनिकों का मुकाबला किया और उन्हें पीछे हटने को मजबूर कर दिया। चीन गलवान घाटी में मोर्चा खोलने के साथ ही सिक्किम में भी मोर्चा खोलना चाहता था, लेकिन हमारे सैनिकों के अलर्ट रहने से उसकी साजिश नाकाम हो गई।
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