कोरोना की लड़ाई में अधिक संसाधन मुहैया कराने केंद्र ने राज्यों की उधारी सीमा बढ़ाई

Last Updated 17 May 2020 09:24:50 PM IST

सरकार ने कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में मदद करने और बंद आर्थिक गतिविधि को जिंदा करने के लिए राज्यों को अधिक धन मुहैया कराने का निर्णय लिया है।


वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इसके लिए राज्यों की उधारी की सीमा वित्तवर्ष 2020-21 के लिए जीडीपी के तीन प्रतिशत से बढ़ाकर पांच प्रतिशत कर दिया, जिसकी मांग राज्य कर रहे थे।

इस कदम से राज्यों को इस साल 4.28 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त संसाधन प्राप्त होगा। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब कोरोनावायरस के कारण जारी लॉकडाउन की वजह से राज्यों कर संसाधन में तीव्र गिरावट आ गई है, जबकि खर्च बढ़ गया है।

20 लाख करोड़ रुपये पैकेज की अंतिम किश्त घोषित करते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि राज्योद्वारा अतिरिक्त उधारी के इस हिस्से को उच्च भावी जीएसडीपी वृद्धि और निम्न घाटों के जरिए अतिरिक्त कर्ज को टिकाऊं बनाने के खास सुधारों से जोड़ा जाएगा।

वित्तमंत्री ने कहा, "सुधार का संबंध (राज्यों द्वारा अतिरिक्त उधारी हासिल करने के लिए) चार क्षेत्रों से होगा- एक राष्ट्र एक राशन कार्ड के सार्वभौमीकरणश् कारोबार करने का आसान बनाने, विद्युत वितरण और स्थानीय निकाय राजस्व।"

राज्यों को अतिरिक्त उधारी की अनुमति के लि व्यय विभाग द्वारा एक खास योजना अधिसूचित करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत राज्यों द्वारा उधारी में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि बिना शर्त होगी, जबकि बाकी एक प्रतिशत की वृद्धि 0.25 प्रतिशत की चार किश्तों में दी जाएगी, और प्रत्येक किश्त स्पष्ट तौर पर निर्दिष्ट, लगभग व्यवहार्य सुधार कार्रवाइयों से संबंधित होगी।

इसके अलावा 0.50 प्रतिशत की उधारी राज्यों को सुधार के चार क्षेत्रों में से कम से कम तीन में मील का पत्थर हासिल करने के लिए उपलब्ध होगा।

यह पूछे जाने पर कि क्या राज्यों को अतिरिक्त उधारी सीमा का मतलब उन्हें अपना घाटा जीडीपी के तीन प्रतिशत से अधिक बढ़ाने की अनुमति देना है? सीतारमण ने कहा कियह राज्यों को तय करना है कि वे घाटा किस स्तर पर रखना चाहते हैं।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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