नागरिकता संशोधन बिल भी राज्यसभा से पास, पक्ष में 125 और विपक्ष में 105 वोट पड़े
नागरिकता संशोधन बिल बुधवार को राज्यसभा से भी गर्मा गरम बहस के बाद पास हो गया। बिल के पक्ष में 125 और विपक्ष में 105 वोट पड़े।
गृह मंत्री अमित शाह (file photo) |
बिल पास होने से पहले विपक्ष द्वार पेश किये गए तकरीबन सभी 40 संशोधन प्रस्ताव भी गिर गए। यही नहीं बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजने का विपक्ष का प्रस्ताव भी 124 के मुकाबले 99 मतों से धराशायी हो गया।
इस तरह सरकार ने राज्यसभा में बहुमत न होने के बावजूद अपने फ्लोर प्रबंधन कौशल की बदौलत एक और महत्वपूर्ण बिल पास करा लिया। इससे पहले सरकार तीन तलाक और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने वाले महत्वपूर्ण विधेयकों सहित कई अन्य बिल भी राज्यसभा से अपने प्रबंधन कौशल से पास करा चुकी है।
बिल पर वोटिंग से पहले शिवसेना ने सदन से बहिष्कार का रास्ता अपनाया। लोकसभा इस बिल को पहले ही पास कर चुकी है। इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि भारत के मुसलमान भारतीय नागरिक थे, हैं और बने रहेंगे।
उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी में खासी कमी आई है। विधेयक में उत्पीड़न का शिकार हुए अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है।
शाह ने इस विधेयक के मकसदों को लेकर वोट बैंक की राजनीति के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए देश को आस्त किया कि यह प्रस्तावित कानून बंगाल सहित पूरे देश में लागू होगा।
उन्होंने इस विधेयक के संविधान विरुद्ध होने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि संसद को इस प्रकार का कानून बनाने का अधिकार स्वयं संविधान में दिया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह प्रस्तावित कानून न्यायालय में न्यायिक समीक्षा में सही ठहराया जाएगा।
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